मृत्यु से पहले खुलकर सोनिया के खिलाफ बयान दिए थे राजेश पायलट ने – सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद का किया था समर्थन
भाग्यशाली हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट – जिंदा रहते पार्टी से बाहर जाने का मौका मिला
1993 में माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस (Congress) छोड़कर मध्य प्रदेश विकास पार्टी के नाम से नया राजनीतिक दल बनाया, लेकिन बाद में उन्होंने फिर से कांग्रेस (Congress) का दामन थाम लिया था।
इसी तरह से सचिन पायलट (Sachin Pilot) के पिता राजेश पायलट ने भी एक बार कांग्रेस (Congress) में गांधी परिवार को चुनौती दी थी। 9 जून 2000 को राजेश पायलट का जयपुर आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सड़क हादसे में निधन हो गया था।
एक और ऐसे ही कांग्रेस (Congress) के नेता थे, जिनका नाम था जितेंद्र प्रसाद। जितेंद्र प्रसाद ने वर्ष 2000 में हुए चुनाव के दौरान सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इसी चुनाव में राजेश पायलट ने जितेंद्र प्रसाद का साथ दिया था। जितेंद्र प्रसाद बाद में चुनाव हार गए और उनका भी एक दुर्घटना में निधन हो गया था।
जितेंद्र प्रसाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) के पूर्व उपाध्यक्ष थे। वह भारत के दो प्रधानमंत्रियों, 1991 में राजीव गांधी और 1994 में पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार भी थे। प्रसाद ने 9 नवंबर 2000 को सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस (Congress) पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए।
इस समय देश की सियासत में चल रहे घटनाक्रम को दो दशक पुराने घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा सकता है. उस जमाने में जब राहुल की मां सोनिया गांधी कांग्रेस की बागडोर संभाल रही थीं, तब सचिन के पिता राजेश पायलट और ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के बड़े नेता हुआ करते थे. ये दोनों नेता भी आलाकमान के सामने दंडवत नहीं थे. सिंधिया राजेश पायलट खुलकर सामने आने वाले शख्स बने रहे.
राजेश पायलट पार्टी के भीतर रहकर ही सोनिया के मुकाबले में आए. सन 2000 में जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी चुनाव लड़ रही थीं, तो उनके खिलाफ जो नेता बिगुल उठाए थे, उनमें कांग्रेस नेता जीतेंद्र प्रसाद और पायलट मुखर थे.
कांग्रेस नेता जतिन प्रसाद के पिता जीतेंद्र प्रसाद जब 2000 में सोनिया गांधी के सामने चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे तो पायलट ने उनके समर्थन में रैलियां की थीं. बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में राजेश पायलट ने सोनिया गांधी की आलोचना की थी. इस इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में पायलट ने कहा था कि हां, वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं.
9 जून 2000 को एक कार दुर्घटना में मृत्यु से पहले राजेश पायलट ने सोनिया गांधी से लंबी मुलाकात की थी
राजनीति के जानकारों का कहना है कि ये तीनों कांग्रेस (Congress) के वो नेता थे, जो कभी न कभी गांधी परिवार के लिए चुनौती बने थे। खास बात यह है कि तीनों की मौत भारतीय राजनीति के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। कांग्रेस (Congress) पार्टी पर सोनिया गांधी के क़ब्ज़े की कहानी इन तीनों के खात्मे के साथ ही शुरू होती है।
संयोग से तीनों के बेटों ने कांग्रेस (Congress) में ही करियर बनाने की कोशिश की, लेकिन गांधी परिवार जानता है कि उनके डीएनए में बग़ावत है। ज्योतिरादित्य सिंधिया हो, सचिन पायलट (Sachin Pilot) हो या जितिन प्रसाद, कांग्रेस (Congress) में पार्टी में उनका दायरा तय है।
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