आखिर ये कैसी मानसिकता है जो दूसरे धर्मों ,मान्यताओं ,प्रतीकों , देवी देवताओं का उपहास उड़ाने ,उन्हें अपमानित करने को उकसाती है ।मुनव्वर जैसे लोगों को कभी भी बख्शा नहीं जाना चाहिए । -जमानत याचिका सुनने के दौरान अदालत द्वारा की गई सख्त टिप्पणी ।

अदालत आज स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका की सुनवाई कर रही थी और जब अभियोजन पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि आरोपी व्यापारिक उद्देश्य इ लिए ,पैसे कमाने के लिए जान बूझ कर हिन्दू धर्म और धार्मिक मान्यताओं का उपहास उड़ाने का कृत्य करता रहा है तो अदालत ने जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए ऐसे कृत्य और मानसिकता पर गहरी और सख्त टिप्पणी की।

अदालत ने और आगे कहा कि

ज्ञात हो कि गत 5 जनवरी को सत्र न्यायालय ने मुनव्वर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था जिसकी अपील उसने माननीय उच्च न्यायालय में लगाई थी। मुनव्वर फारुकी को अपने स्टैंड अप एक्ट और शोज़ में बार बार जानबूझ कर हिन्दू देवी देवताओं का उपहास उड़ाने उन्हें अपमानित भाषा में निरूपण करने आदि के अपराध में 2 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। इनके विरुद्ध शिकायत एकलव्य सिंह गौर ,जो मालिनी लक्ष्मण सिंह गौर के पुत्र हैं , ने दर्ज़ कराई थी।

इस सन्दर्भ में मुनव्वर के साथ गिरफ्तार किए जाने वाले आरोपी एडविन एंथनी ,प्रखर व्यास और प्रियम व्यास हैं। पुलिस ने इन्हें धारा 295 A और धारा 269 के तहत गिरफ्तार किया है। अब समय आ गया है कि इन नराधम सोच और व्यवहार वालों को विधि सम्मत दंड मिल सके और दूसरों को इससे सीख।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.