देश के 14 करोड़ किसानों को एक देश एक मंडी का तोहफा देते हुए सरकार ने किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की अनुमति दे दी है। कैबिनेट ने अध्यादेश के जरिए इसे मंजूरी दी है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और कहा कि यह भाकियू की वर्षो पुरानी मांग थी। हालांकि उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि वह इस बात पर भी नजर रखें कि कहीं किसान के बजाए बिचौलिए सक्रिय होकर उनकी फसल सस्ते दामों में खरीदकर दूसरे राज्यों में न बेचने लगे। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह एक ओर कानून लागू करें जिससे देश में कहीं भी एमएसपी से कम दाम पर किसान की उपज नही बिक सके। पूर्व प्रमुख व किसान नेता वीरेंद्र सिंह ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।

केंद्र की कैबिनेट द्वारा अध्यादेश के जरिए किसान की उपज को उचित मूल्य पर राज्य के भीतर या राज्य के बाहर किसी भी बाजार में बेचने को सहमति दिए जाने से अब किसान बिना किसी रुकावट के ऑनलाइन उपज का सौदा कर पाएंगे। सरकार ने सीमांत-लघु किसानों के उत्पादों की गारंटीयुक्त उचित कीमत दिलाने के लिए दूसरा अध्यादेश भी लागू करने की घोषणा की। इसमें बुवाई से पहले उपज की गारंटी दर तय हो जाएगी। अधिक कीमत होने पर निजी कंपनी या व्यापारी को लाभांश देना अनिवार्य होगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं। हम भाकियू के मंच से इस मांग को वर्षो से उठा रहे थे। हालांकि उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश में किसान को दी गई छूट का फायदा उठाकर बिचौलिए सक्रिय न हो जाएं इसका ध्यान सरकार को रखना होगा। इसका वास्तविक लाभ किसान को ही मिले इसके लिए कदम उठाने होंगे। उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता व किसी समय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के खास सिपहसालार रहे चौ. वीरेंद्र सिंह प्रमुख ने भी सरकार के किसानों के हित में उठाए गए इस कदम का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान (बंदोबस्ती व सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी है। इससे छोटे व सीमांत किसान बुवाई से पहले ही थोक विक्रेताओं, कारोबारियों से अपनी फसल के मूल्य पर करार कर सकते हैं। इस करार में किसान की फसल की उपज के भाव पहले ही तय हो जाएंगे। फसल तैयार होने पर यदि बाजार भाव या सरकार द्वारा घोषित भाव अधिक होंगे तो किसान को थोक विक्रेताओं और कारोबारियो को लाभांश देना होगा। वीरेंद्र सिंह प्रमुख ने कहा कि इस अध्यादेश से किसान को अपनी फसल की उपज का अनुमानित मूल्य पहले से ही पता चल जाएगा।

यह खबर हिन्दुस्तान न्यूज़ द्वारा प्रकाशित की गई थी, जो कि पूर्णता सत्य है ।
फिर कुछ ही दिनों बाद ऐसा क्या हुआ कि राकेश टिकैत को जो बातें किसानों के हित में नजर आ रही थी, उसमें अब उन्हें उनका अहित दिखने लगा । यहाँ तक कि उस समय उन्होंने यह तक कहा था कि

किसानों की वर्षो पुरानी मांग पूरी हुई

यह कहने के बाद उन्हें इसमें अहित दिखने लगा !!

इससे यह सिद्ध होता है कि राकेश टिकैत कहीं ना कहीं अपने स्वार्थ के लिए किसानों को धोखा दे रहे हैं ।

Source: Hindustan News.

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