डॉ. श्याम जोशी, बुधवार 17 फरवरी 2021

फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को दिखाने पर इतना बवाल मचाया गया, फ्रांस के खिलाफ कई मुस्लिमों ने मोर्चा खोल दिया और फ्रांस के बहिष्कार करने का आह्वान किया गया, अपने देश में इस्लामी अलगाववाद खत्म करने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने शपथ ली, जिसका नतीजा निकला कि ज्यादातर मुस्लिम देश अब फ्रांस के खिलाफ हो गए थे

टीचर का एक कार्टून दिखाने पर एक कट्टरपंथी 19 साल का लड़का गुस्से से इतना भर गया कि उसने शिक्षक की गला रेत कर हत्या कर दी।

अगर इस्लामिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाना इतना बूरा है तो हिन्दू धार्मिक मान्यताओं का अपमान लगातार क्यों?

आज ना केवल हिंदुस्तान में बल्कि कुछ बाहरी नचनिया और पोर्न स्टार भी चंद सिक्को के लिए हिन्दुस्तान की छवि खराब करने के लिए लालालियत होई जा रही है।

कभी कुछ पत्रकार,कवि,लेखक तो कभी बॉलीवुडिया भांड नेटफ्लिक्स और विभिन्न माध्यमों से हिंदुस्तान के प्रति अपनी नफ़रत को हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करके अपनी मनोदशा का चित्रण करते रहते है।

वहीं एक वामपंथी दीमक जो खुद को प्रोफेसर दिलप मंडल आंबेडकरवादी कहता है,समय समय पर देवी देवताओं और ब्राम्हणों को गाली देने से पीछे नहीं हटता।हाल ही में मंडल ने एक ट्वीट किया जिसमे उस महान अबेड़करवादी ने विद्या कि देवी सरस्वती मां के बेहद अपमानजनक शब्दो का प्रयोग किया जो किसी भी तरह से शोभनीय नहीं है,

अब मंडल और अम्बेडकर वादी ये बताए आप वास्तव में खुद को अम्बेडकर वादी कैसे मानते हो?

क्या अम्बेडकर भी ऐसे ही विचार रखते थे? नहीं ना…फिर क्यों?

पर अफसोस यहां किसी दलित को दलित कहने पर सजा हो सकती है पर उसी व्यक्ति का हिन्दू मान्यताओं,देवी देवताओं को गाली देने का लाइसेंस भी मिल जाता है।

ताजा उदाहरण कांग्रेसियों,टुकड़े टुकडे गैंग और वामपंथियों की अंतरास्ट्रीय नेता पोर्न स्टार मिया खलीफा और रेहाना का है।

रिहाना ने अभी हाल ही में कपड़े उतार कर एक फोटो पोस्ट की ..सवाल ये है कि इसमें क्या बड़ी बात है? मिया खलीफा और रिहाना के लिए कपड़े उतार कर परफॉर्म करना कौनसी बड़ी बात है। हो सकता है रिहाना के लिए कपड़े उतार कर अंग प्रदर्शन कुछ अलग ना हो पर नग्न होकर गले में आराध्य भगवान गणेश का पेंडेंट पहन कर क्या संदेश देना चाह रही है।

हिंदू से नफरत मतलब हिंदुस्तान से नफ़रत:-

प्रोपगेंडा क्लियर है वामपंथियों ने हिंदुओ देवी देवताओं और मान्यताओं का अपमान करने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी है अब यही प्रोपगेंडा विदेशी पैड बालाओ से भी करवाया जाने लगा है

भाई मान लिया तुम्हे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पसंद नहीं,तुम्हे उनकी नीतियां नियम पसंद नहीं..पर तुम्हे हिंदुओ से नफ़रत का कारण समझ नहीं आता।

कारण तो ये भी समझ नहीं आता आखिर मोदी का विरोध करते करते तुम हिंदुओ का अपमान,और देश का अपमान क्यों करने लग जाते हो। मतलब साफ है देशभक्तों की कमजोर नब्ज है हिंदुत्व,और हिंदुत्व की कमजोर नब्ज है हिंदुस्तान।

कलम से:- डॉ. श्याम जोशी (Twitter Tooter Koo :- @dr_shyamjoshi )

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