ये तो आप पढ़ ही चुके हैं कि हाल ही में मोदी सरकार ने विदेशी फंडिंग नियंत्रण कानून ला कर , समाज सेवा के नाम पर कुकुरमुत्ते की तरह गली गली खुल आए स्वयं सेवी संस्थाओं जो अपने विदेशी आकाओं और अब्बूओं से खैरात में बहुत सारे पैसे मंगवा लेते थे की पूरी दुकानदारी और धंधे पर जोरदार लात लगाई |

इन पैसों का , धर्मातन्तरण , काले धन को सफ़ेद करने और दंगे फसाद से लेकर पत्थरबाजी की फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा था | इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर सरकार , कानून बना कर इन सबकी नाक में नकेल डालने के लिए ही पिछले सत्र में एक सख्त कानून लेकर आई |

जैसा की आशंका थी कि , बेलगाम और बेगैरत ये तमाम सस्थाऐं और इनके नुमाइंदे अपनी दूकान और धंधा बंद करके या तो भाग जाएंगे या फिर अपनी असली औकात पर आ जाएंगे | और यही अब सच होता दिख रहा है |

अभी कुछ दिनों पूर्व ही आतंकियों , दंगइययों और हर अपराधी के साथ खड़ा होकर देश , व्यवस्था ,सरकार और पुलिस के खिलाफ विष वमन करने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशल ने ये कहते हुए भारत से अपनी दुकान समेट ली कि जब पैसे ही नहीं मिलेंगे तो अपने एजेंडे को चलाएंगे कैसे |

अब खबर आ रही है कि ,कर्नाटक के वेल्लौर क्षेत्र के आसपास बने 265 चर्च बंद हो गए हैं | न चावल की बोरियां , ना बिरयानी , और तो और रविवार को होने वाली साप्ताहिक प्रार्थना भी रातों रात बंद कर दी गई है |

दिन रात धर्मांतरण में लिप्त ये चर्च और मिश्नरियां , विदेशों से पैसे मँगवा कर दक्षिण राज्यों से लेकर झारखंड ,छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों में गरीबों को अपने झांसे में लेकर उनका धर्म बदलवाने का घिनौना खेल खेलते रहे हैं

अभी तो बस ये एक शुरुआत भर है | बहुत ही जल्दी ये तमाम लोग जो देश , समाज और धर्म के विरूद्ध अपने एजेंडे को कांग्रेस की इटली वाली राजमाता के सहयोग से चला रहे थे वो सब अब कटोरा लेकर सड़क पर आने की तैयारी में हैं , इनकी समाज सेवा का ढोंग और खुद की केंचुली दोनों उतर गई है |

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.