हाथरस में कांग्रेस पार्टी का सर्कस जारी है। पत्तलकारों के साथ सांठगांठ कर जिस तरह से कांग्रेस ने इस मामले में हिन्दू एकता को जाति के नाम पर तोड़ने का प्रयास किया है उसे पूरा देश समझ रहा है। यूपी के हाथरस के अलावा बलरामपुर में भी एक रेप का मामला सामने आया है, जिसमें मुस्लिम युवकों ने दलित की बेटी पर अत्याचार किया है।

यूपी के बलरामपुर जिले में दो युवकों– शाहिद और साहिल ने सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया है। दोस्ती के बहाने घर ले जाकर दोनों आरोपितों ने लड़की सामूहिक दुष्कर्म किया और गंभीर हालत में एक रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया। 22 वर्षीय पीड़िता युवती की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।

वहाँ भी पीड़िता दलित है। वो भी उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा है, जहाँ योगी आदित्यनाथ की ही सरकार है। लेकिन, राहुल गाँधी ने शायद सिर्फ एक वजह से बलरामपुर के पीड़ित परिवार की सुध नहीं ली है, क्योंकि वहाँ आरोपितों के नाम शाहिद और साहिल हैं। यहाँ उन्हें ‘वर्ग विशेष’ कह कर किसी हिन्दू जाति को निशाना बनाने का मौका नहीं मिलेगा। वहीं हाथरस में पूरा मीडिया जुटा हुआ है, कैमरा है और ड्रामा का स्कोप भी- इसलिए राहुल-प्रियंका वहां सर्कस कर रहे हैं।

आखिर बलरामपुर की इस दलित लड़की को न्याय दिलवाने में और उन आरोपी मुस्लिम युवकों के खिलाफ बयान देने में कांग्रेस पार्टी क्यों चुप है? कांग्रेस की इस शातिर चुप्पी के पीछे वोट बैंक का लालच है, क्योंकि इस दलित को न्याय दिलवाने से कांग्रेस की वोट बैंक राजनीति खराब हो जाएगी।

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