ये देश कल भी गद्दारों से हारा था और आज भी हार रहा हैं। कल दुर्गों के दरवाजे खोलने वाले गद्दार थे तो आज सनसनी पैदा करने वाले न्यूज़ चैनल ।

क्या इस देश मे चारों तरफ हाहाकार ही मचा हुआ हैं , क्या इस देश मे हर सड़क पर , हर हॉस्पिटल में ,हर जगह मरीज कीड़े मकोड़ो के जैसे ही मर रहे हैं ?

क्या इस देश हर घण्टे डॉक्टर्स भी काल के ग्रास में समा रहे हैं ?

न्यूज़ चैनलों द्वारा दिखाई जा रही भयाभव तस्वीरे, धधकती चिताएं , सड़को पर तड़पकर मरते कोरोना मरीज, ऑक्सीजन के लिए तड़पते मरीज, क्या ये तस्वीरे हर राज्य , हर प्रान्त , हर जिले की हैं या सिर्फ कुछ ही जिलों में हालात बेकाबू हैं और यही न्यूज़ चैनलों की सनसनी बना हुआ हैं ?

क्या इस देश मे अभी अभी कोई स्वस्थ होकर घर नही गया , क्या इस देश मे अभी अभी किसी को रेमडेसीवीर का इंजेक्शन नही मिला , क्या इस देश मे अभी अभी किसी को ऑक्सीजन नही मिली , क्या इस देश मे कोई परिवार डॉक्टर्स को दुवाएं देते हुए खुशी खुशी घर नही लौटा ?

लौटा हैं अभी अभी कोई ऐसा भी परिवार होगा , जिसके सदस्य ने भयंकर कोरोना को मात देते हुए जीवन को फिर से अंगीकार किया होगा , इस देश मे ऐसे भी बहुत से लोग होंगे जिन्हें बिना इंतजार के हॉस्पिटल में बेड मिल गया होगा , इस देश मे ऐसे भी अनेको लोग होंगे जो इस संकट के समय संकटमोचन बनकर गरीबो और निरीह मूक प्राणियों की सेवा सुश्रुवा कर रहे होंगे ।

हैं इस देश मे अनेको ऐसी घटनाये हैं अगर उन्हें टीवी चैनलों पर दिखाया जाएं तो जनता डर से मुक्त हो सकती हैं और दुगुनी ताकत से कोरोना से लड़ सकती हैं , अगर सुखद तस्वीरे , सही हुए कोरोना मरीजों के इंटरव्यू , जिन्हें ऑक्सीजन आसानी से उपलब्ध हो गई हो ऐसे लोगो के इंटरव्यू , ऐसे लोगो के इंटरव्यू जिन्होंने बिना किसी दवा के ही कोरोना को मात दी हो , दिखाया जाए तो इस देश मे मरने वालों की संख्या स्वतः ही आधी से कम हो जाएंगी क्योंकि डर सबसे बड़ी मौत होती हैं। इसे आप एक मजेदार कहानी के माध्यम से समझ सकते हैं।

एक व्यक्ति जंगल मे पेड़ के नीचे गहरी नींद में सो रहा था। तभी कहीं से कोई चींटा आकर उसके पैर पर काट देता हैं । पीड़ा से उस व्यक्ति की आंखे खुल जाती हैं और तभी उसकी नजर पैरों के पास से गुजर रहे एक सांप पर जाती हैं और वह व्यक्ति वही अपने प्राण त्याग देता हैं क्योंकि उसे लगता है कि सांप ने उसे काटा है और उसकी मौत निश्चित हैं।

ये तो एक उदाहरण था लेकिन दूसरे उदाहरण से हम रोज के जीवन मे रूबरू होते रहते हैं।

हमारे घर मे कोई व्यक्ति ऐसा भी होगा जिसे आप किसी भी डॉक्टर की दवा दिल दो लेकिन वह ठीक नही होता। वह कहता हैं कि उसे तो जब फलां डॉक्टर को दिखाया जाएगा तभी वह सही होगा और जब उसकी बात मानकर हम उसी डॉक्टर से उसे दिखाते है तो चमत्कार हो जाता हैं और वह व्यक्ति एक दम तंदुरुस्त हो जाता हैं। ऐसा क्यो होता हैं ?

ऐसा हमारी सोच पर निर्भर करता हैं और कुछ ऐसा ही माहौल इस समय न्यूज़ चैनल बनाने के लगे हुए ताकि हर कोई डरा रहे ।

कुछ तो शर्म करो यार , इस देश मे कुछ तो अच्छा हो रहा होगा , कुछ तो बहुत ही सुखद होगा , उसे ही दिखाओ, क्यों लोगों को डराकर देश की छवि धूमिल करना चाहते हो।

मैं ये नही कहता कि कोरोना खतरनाक नही हैं, मैं ये नही कहता कि सारी सावधानियां छोड़कर लापरवाह बन जाओ लेकिन जो जरूरी सूचनाएं हैं , जो कोरोना मरीजों के काम आ सकती हैं ऐसी सूचनाएं दिखाओ , लोगों के दिलो से डर को बाहर निकालों।
जय श्री राम
सुरेंद्र हिन्दू

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.