यूपी के सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) कोरोना काल में जनता के बीच जाकर जिस तरह से मेहनत कर रहे हैं उसके चलते पूरे देश में उनकी प्रशंसा हो रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक जब आप कोरोना से ठीक हो जाते हैं तो आने वाले 2 महीने पोस्ट कोविड आशंकाओं के चलते आपको आराम और खान-पान पर ध्यान देना चाहिए मगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डॉक्टर्स की सलाह और अपने शुभचिंतकों की राय को दरकिनार करते हुए उत्तर प्रदेश की जनता के हित के लिए जमीन पर दिन रात काम कर रहे हैं।  सूत्रों के मुताबिक बीजेपी (BJP) के कई शीर्ष नेता मुख्यमंत्री योगी से निवेदन कर चुके हैं कि पोस्ट कोविड-19 उन्हें आराम करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक खानपान अपनाना चाहिए मगर अपनी धुन के पक्के जनसेवक योगी आदित्यनाथ जमीन पर उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता की सेवा में लगे हुए हैं। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ मुस्कुराकर सभी को यह जवाब दे देते हैं कि उन्हें उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के स्वास्थ्य की फिक्र है और उनकी सेहत की रखवाल भगवान करते रहेंगे।

सीएम योगी कोरोना के खिलाफ जंग में फ्रंट फुट पर हैं. वह 14 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे…इस दौरान उन्होंने होम आइसोलेशन में रहते हुए रोजाना न सिर्फ अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की, बल्कि समाज के विभिन्न तबकों के साथ वर्चुअली संवाद कार्यक्रम भी जारी रखा…30 अप्रैल को रिपोर्ट निगेटिव आने के तुरंत बाद वह ग्राउंड जीरो पर उतर गए और लखनऊ में उन्होंने डीआरडीओ की ओर से बनाए गए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया था।

योगी कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद से ही लगातार ग्राउंड जीरो पर हैं…सीएम योगी गांव-गांव और जिले-जिले जाकर व्यवस्थाओं को परख रहे हैं. वह मंडलों में समीक्षा बैठक कर रहे हैं, तो गांवों में भौतिक निरीक्षण भी कर रहे हैं. खामियां मिलने पर सख्त कार्यवाही के निर्देश भी दे रहे हैं. योगी कंटेनमेंट जोन में जाकर खुद व्यवस्थाओं का जायज़ा ले रहे हैं।

कभी नोएडा कभी मथुरा कभी आजमगढ़ कभी अलीगढ़ कभी आगरा कभी कानपुर … उत्तर प्रदेश की कोई ऐसी जगह और जिला नहीं है जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोनावायरस के मद्देनजर ताबड़तोड़ दौरे ना कर रहे हों। योगी इस दौरान कंटेन्मेंट जोन का दौरा कर रहे हैं और मरीजों से हालचाल ले रहे हैं। प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री को गांवों की सूची दी जाती है, जिसमें से वह किसी एक गांव का चयन खुद करते हैं और इसके बाद दौरा करते हैं। 

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