ल्यो कर लो बात ! अभी अभी तो आपके मान की हानि हुई थी , वो भी एक दो सौ, लाख, करोड़ नहीं पूरे एक हज़ार करोड़ की क्यूंकि बाबे ने सीना ठोंक कर टेलीविजन पर वही सब बोला जो आए दिन एक गरीब , मध्यम परिवार वाला तब बोलता है जब आप उसके किसी अपने को मर /मार देने के बाद भी उसकी मृत देह उसके हवाले तब तक करने से इंकार कर देते हैं जब तक कि वो आपके पांच सितारा नर्सिंग होम या अस्पताल की पाई पाई न चुका दे।

लेकिन अब बाबा ने कहा वो भी भगवाधारी तो फिर उस संघ के हेड मॉनिटर जो अंकल जॉन बन कर सबको क्रॉस कर रहा हो उसे तो भीतर तक चुभना ही था। खैर , मगर ये क्या सुना है आपने मान और हानि दोनों की ही शिकायत वापस ले ली उलटा अपने ऊपर मुकदमा और ठुँकवा लिया। जे बात !!

एक कहावत अक्सर यहाँ सुनी सुनाई जाती है -भगवान् दुश्मन को भी थाना कचहरी और अस्पताल जाने से बचाए -अब समझ गए होंगे कि ये तो बाबा क्या हमारे परबाबा के समय से ही कहा जा रहा है या कहिये की तबसे कहा जा रहा है जब से इन सबका अस्तित्व समाज में आया या कहें की थोपा गया। चलिए इसे भी ख़त्म करते हैं और कुछ सवाल पूछते हैं आपसे। अरे नहीं नहीं जी बाबा वाले सवालों से अलग है ये , बाबा वाले तो आपके लिए आउट ऑफ़ सिलैबस हो गए होंगे मैं सिलेबस से ही पूछना/जानना चाहता हूँ –

आपके इस संघ ने क्या कभी उन चिकित्स्कों की सूची जारी की जिनके विरूद्ध गंभीरतम अपराध ( मानव अंगों की तस्करी से घृणित और क्या हो सकता है भला ) की शिकायत दर्ज़ की गई , मुक़दमे हुए और सज़ा भी मिली। कभी आपने उनके नाम सार्वजनिक करके बताया कि आपकी बिरादरी के इन तमाम पिशाचों के कारण आपकी मानहानि हुई है ??

चलिए उन डॉक्टर साहेबान की सूची तो जरूर होगी आपके पास जिनके विरुद्ध आपने कठोर कदम इसलिए उठाए क्यूंकि वे सब सरकारी वेतन और भत्ते लेने के बावजूद अपने निजी नर्सिंग होम और पाँच सितारा अस्पतालों में विशेष समाज सेवा करते हुए करोड़ों से अरबों तक अपना धंधा और व्यापार चमकाया – भाई वे तो आपके मान सम्मान को बढ़ा रहे थे आखरिकार , हैं जी।

अच्छा ये बुरा लग गया होगा आपको , चलिए फिर उन डाक्टर साहब की लम्बी वाली सूची तो होगी ही जिन्होंने शहर के सारे सुख चैन आराम रूतबा पैसा स्टेटस को लात मार कर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ इसलिए जाना पसंद किया क्यूंकि असल में इस पेशे को अपनाने हुए खाई दिलाई गई कसम सिर्फ इन्हें ही याद रही ?? क्या बात करते हैं ऐसे डाक्टर देश भर में सौ हज़ार भी नहीं मिलेंगे -अजी हाँ।

क्या क्या पूछा जाए और क्या छोड़ा जाए , चलिए बात सिर्फ इस बात से ख़त्म करते हैं कि -मान लीजिए बाबा 1000 करोड़ दे देते हैं तो बाबा की कही और आपको आईना दिखाती बातों को सही मान लिया जाए और यदि इस हिसाब से बाबा ने कहीं 2000 -3000 करोड़ दे कर आपको पूरी तरह से मान हीन कर दिया तो – तभी तो कहते हैं डाग्दर बाबू – जिनके दस्त लगे हों न उन्हें शंख बजाने से परहेज़ करना चाहिए फिर आपकी ऑक्सीजन तो पहले से ही वेंटिलेटर पर है – ठीक है न।

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