इस समय जहां एक तरफ अफगानिस्तान ,पाकिस्तान , बांग्लादेश और तुर्की जैसे देश इस्लामिक कट्टरता को बढ़ावा देने में लगे हैं वहीँ सऊदी अरब और इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम बाहुल्य जनसंख्या वाले देशों में उदारवाद की बयार बह रही है।

अभी कुछ समय पूर्व ही सऊदी अरब ने अपने यहां लागू शरीया कानूनों में बहुत से उदारवादी परिवर्तन करके नए नियम लागू किए जिसकी आलोचना तुर्की ईरान और कई दूसरे देशों ने की थी जो मज़हबी कट्टरता को ही सर्वोपरि मानते हैं।

अब मुस्लिमों की 21 करोड़ की आबादी वाला देश इंडोनेशिया भी उन देशों में शामिल हो गया है जो कट्टरता को एक तरफ रख कर आधुनिक समय के अनुसार परिवर्तन की ओर चल पड़ा है। इंडोनेशिया में अभी हाल में पूरे देश भर मौजूद लगभग साढ़े सात लाख से ज्यादा मस्जिदों में अजान की आवाज सुनाई देने के लिए लगाए गए लाउडस्पीकरों की आवाज़ को कम करने का फैसला किया है।

हालांकि ये फैसला इंडोनेशिया की सरकार को , देश के लोगों द्वारा अजान की तेज़ आवाज़ और उससे होने वाली बहुत सारी परेशानियों की लगातार शिकायत किए जाने के बाद लेना पड़ा है। प्रशासन ने एक देश व्यापी सर्वे के बाद पाया कि अधिकाँश लाउडस्पीकरों में खराबी होने के कारण भी इनसे अजान की आवाज जरूरत से बहुत अधिक आती थी जो लोगों की परेशानी का सबब बन रहा था।

हालांकि इंडोनेशिया में अजान की तेज़ आवाज़ की शिकायत करना भी एक अपराध है और इसके लिए पहले बहुत से लोगों को कठोर कारावास की सज़ा भी दी जा चुकी थी। इसलिए लोगबाग डर के मारे अजान की तेज़ आवाज़ से होने वाली शारीरिक और मानसिक परेशानी की शिकायत भी ऑन लाइन ही कर रहे थे। लोगों ने बताया कि लगातार तेज़ आवाज़ के कारण उनके सर में तेज़ दर्द , घबराहट , परेशानी आदि बहुत से बीमारियों के लक्षण दिखने लगे थे।

लाउडस्पीकर की तेज़ आवाज़ का समय भी तय होने के बावजूद वे असमय ही बजते रहते थे जिसके कारण लोग बहुत ही ज्यादा परेशानी का अनुभव कर रहे थे। ज्ञात हो कि भारत और अन्य बहुत से देशों में भी ये समस्या अब धीरे धीरे बढ़ती जा रही है जिसे सरकार द्वारा नियंत्रित करने के लिए कहा भी जा रहा है।

पूर्व में अजान की आवाज़ को तेज़ बताने की शिकायत करने वाली एक महिला मैलियाना को पुरे डेढ़ साल कैद की सज़ा सुनाई गई थी। चूंकि वो महिला बौद्ध अनुयायी थीं तो उसका गुस्सा बौद्ध मठों को तोड़ कर नष्ट करके और उन्हें जला कर भी निकाला गया था।

बहरहाल जो हो , देखना ये है कि , खुद मुस्लिम देश कट्टरपंथी इंडोनेशिया के इस सुधारवादी कदम को किस तरह से देखते हैं ??

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.