गज़ब है भाई….

फडणवीस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के घंटे भर बाद नवाब मलिक जवाब देने के लिए प्रकट हुआ। बिना किसी कागज पत्तर के प्रकट हुआ और जमीन खरीदने की वही पूरी कहानी सुनाई जो फडणवीस ने सुनायी थी। फडणवीस द्वारा बताए गए एक भी तथ्य को झुठला नहीं पाया औऱ यही दुहाई देने लगा कि सारी खरीद बिक्री पूरी तरह कानूनी है। नवाब मलिक से इसी जवाब की उम्मीद भी थी। उसे यही जवाब देना ही था.?लेकिन 2005 में जिस जमीन का सरकारी रेट 850 रु प्रति वर्गफुट और मार्केट रेट 2000 रू प्रति वर्गफुट था। उस जमीन को दाऊद इब्राहीम के दुर्दांत अपराधी गुर्गों ने उसे केवल 25 रू प्रति वर्गफुट में क्यों बेंच दिया.? यही वह महत्वपूर्ण तथ्य है जो फडणवीस की प्रेस कॉन्फ्रेंस का तथा आम जनता का मुख्य सवाल है। जिस पर नवाब मलिक झोपड़पट्टी, 150 फ्लैट, फलानी दुकानें ढिकाने गोदाम की कहानियों की जलेबी बनाता रहा।उल्लेख कर दूं कि मुंबई तो छोड़िए, 2005 में लखनऊ शहर से 40-45 किलोमीटर दूर तक 25 रुपए प्रति वर्गफुट दर की कोई जमीन बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं थी। विशेषकर कोई विवादित जमीन भी इतनी सस्ती नहीं थी। अतः उस समय बंबई की स्थिति क्या रही होगी। यह अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।

लेकिन गज़ब देखिए कि नवाब मलिक की इस पूरी नौटंकी के बाद न्यूजचैनल उसे इस तरह गंगा नहलाने में जुट गए हैं, मानो वह बिल्कुल पाक साफ बेदाग है।नवाब मलिक से सवाल पूछने के बजाए न्यूजचैनल उसके द्वारा दी गयी फडणवीस के खिलाफ कल हाइड्रोजन बम फोड़ने की धमकी का राग अलापने में जुट गए है।वह दुर्दांत हत्यारा अघाड़ी सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक पर इतना मेहरबान क्यों हो गया .?1993 में बम्बई स्टॉक एक्सचेंज और मुंबई नगर निगम की बिल्डिंग में बम विस्फोट कर के सैकड़ों हिन्दूओं को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस अपराध में सुप्रीम कोर्ट ने दाऊद इब्राहीम के हिस्ट्रीशीटर गुर्गे शाह वली खान उर्फ सरदार खान को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हत्यारा आज भी मुंबई की जेल में उम्रकैद काट रहा है। उसी दुर्दांत हत्यारे ने 2005 में मुंबई की एलबीएस रोड पर 2053 रूपये प्रति वर्गफुट बाजार दर वाली अपनी सवा लाख वर्गफुट जमीन केवल 25 रू प्रति वर्गफुट की दर से आज के मंत्री और पुराने कबाड़ी नवाब मलिक को बेंच दी थी। हद तो यह है कि उस जमीन का सरकारी रेट (सर्किल रेट) भी 850 रू प्रतिवर्ग फुट था। दाऊद इब्राहीम के खास गुर्गे, उस दुर्दांत हत्यारे ने अपनी जमीन को वास्तविक बाजार मूल्य से सौ गुना कम कीमत पर पुराने कबाड़ी नवाब मलिक को क्यों बेंच दिया था। दाऊद इब्राहीम के खास गुर्गे, उस दुर्दांत हत्यारे का क्या बाप है नवाब मलिक.? वह हत्यारा नवाव मलिक पर इतना मेहरबान क्यों हो गया था.?उपरोक्त तथ्य सारे सरकारी कागज पत्तर के साथ देवेन्द्र फडणवीस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है। देवेन्द्र फडणवीस ने बताया है कि दाऊद इब्राहीम के खास गुर्गे, उस दुर्दांत हत्यारे को टाडा के कठोर कानूनों से बचाने के लिए यह लेनदेन हुआ था।

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