कांग्रेस पार्टी अपनी हताशा और खीज में सार्वजनिक मंच पर बोलने और उचित व्यवहार करने का सलीका भी भूल बैठी है शायद इसलिए कभी उसके अध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी बड़बोलेपन में पहले कुछ बोल देते हैं फिर अदालत में जाकर माफ़ी माँग लेते हैं। तो कभी उनकी पार्टी के दूसरे नेता को यही करना पड़ता है।

वर्ष 2019 में , कारवाँ नामक एक पत्रिका में प्रकाशित खबर को आधार बना कर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक प्रेस वार्ता करके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल के पुत्र विवेक डोभाल पर अनर्गल और मिथ्या आरोप लगा दिए थे जिसे लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने भाजपा और डोभाल को बदनाम करने के लिए प्रचारित प्रसारित किया था।

विवेक डोभाल ने जय राम रमेश के ऊपर मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया जिसमें पेश होकर जय राम रमेश ने स्वीकार किया कि बिना सत्यता जाँचे उन्होंने विवेक पर मिथ्या आरोप लगा दिए थे और उनसे ये गलती हुई है जिसके लिए वे क्षमा मांगते हैं। विवेक ने उनके इस माफीनामे को स्वीकार करते हुए अपने मुकदमे को वापस ले लिया है।

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