कभी कभी चीजें इतनी पारदर्शी हो जाती हैं कि बरसों से जमी धुंध एकाएक छट जाती है, ऐसा ही कुछ इन दिनों मुनव्वर राना टाइप शायरों के साथ हो रहा है। बरसों से समाज के जेहन पर शायर के तौर पर जम चुके इन नामों की कलई उघड़ रही है और इनका कट्टरपंथी चेहरा उजागर हो रहा है। मुनव्वर राना ने हाल ही में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के फैसले पर अपना फन उठाया था और अब सुप्रीमकोर्ट के पूर्व जज रंजन गोगोई साहब के बारे में बोलकर फिर जहर उगला है। 

एक ‘निजी न्यूज चैनल’ को दिए इंटरव्यू में मुनव्वर राणा ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रंजन गोगोई पर विवादित टिप्पणी की है। मुनव्वर राणा ने कहा है कि ‘इतने में तो हिंदुस्तान की र**# भी नहीं बिकती जितने में रंजन गोगोई बिक गए हैं, राम मंदिर पर रंजन गोगोई का फैसला अच्छा था या बुरा,मगर उन्हें राज्यसभा नहीं मिलनी चाहिए थी’। दरअसल जब से श्री राम मंदिर के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है तभी से इन तथाकथित शायरों, कवियों, आलोचकों, पत्तलकारों की जुबानी कैंची देश के संस्थानों पर चलनी शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर फैसले पर सवाल उठाते हुए मुनव्वर राणा ने यह भी कहा है कि इस मुद्दे पर न्याय नहीं हुआ है।

दरअसल कांग्रेसी टुकड़ों पर पले बढ़े इन प्लेकार्डों के दिन अब लद गए हैं क्योंकि देश अब साफ साफ देख रहा है कि कौन उनके आराध्य श्रीराम के मंदिर के खिलाफ है? देश देख रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर फैसले से इनकी तहजीब तेजाबी क्यों हो गयी है? 2014 में इन जैसे मजहबी कट्टरपंथी मुखोटों की सोच को देश ने नकारा और फिर 2019 में इनके इरादों को कान पकड़कर पीट दिया गया, अगर इनकी यही सोच आगे भी जारी रही तो यह तय है कि जागृत और उठते हुए इस देश की जनता को ये पहचानना आसान हो जाएगा कि कौन देश-समाज के साथ है और कौन देश के खिलाफ!

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