इंडिया गेट पर नाम लिखे सारे शहीद सैनिक बेशक भारतीय थे… मग़र वह भारत के लिए नही, इंग्लैंड औऱ इंग्लैंड की रानी के लिए लड़े थे… इसमे वह सैनिक भी थे,जो गांधी के उकसावे पर प्रथम विश्वयुद्ध में इंग्लैंड के लिए लड़े थे ! काफी भाड़े के सैनिक (मर्सनरी) भी थे,इनमे !
1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश विजय को दर्शाने के लिए ‘अमर जवान ज्योति’ की स्थापना की थी… मग़र इस अभियान में बलिदान हुए 3843 वीर भारतीय सैनिकों- वायुसैनिकों- जल सैनिकों में से एक भी सैनिक का नाम इस स्मारक में नही लिखा गया था ! जब पहले 84000 ब्रिटिश भारतीय सैनिकों के नाम लिखे जा सकते थे तो अलग दीवार पर 3843 जवानों के नाम भी लिखे जा सकते थे…बांग्लादेश युद्ध से पहले 24 लाख हिंदुओं की हत्या भी की थी,पाकिस्तानियों ने ! लाखों बलात्कार और करोड़ों का भारत की ओर पलायन हुआ था !

 

नया बना राष्ट्रीय स्मारक आपको भावुक कर देगा,आंसू ला देगा… 27000 हज़ार नए बलिदानी सैनिकों के नाम वास्तव में स्वर्णाक्षरों में उकेरे गए हैं…. एक शानदार गैलरी भी बनी है,जहां विभिन्न युध्दों के चित्र और मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं.. लाइट एंड साउंड कार्यक्रम भी है…..डिजिटल केटलॉगिंग है… जिस बलिदानी का नाम लिखिए तुरन्त स्वर्णाक्षरों में लिखे नाम की पोजीशन बता दी जाती है….पास में अब अपने सुभाष बाबू भी जार्ज 5th वाली केनोपी में विराजमान हो गए हैं… हर हिंदुनिष्ठ के ह्रदय में श्रद्धा का तूफान उमड़ पड़ता है !! धन्यवाद प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोोदी जी

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