बहुत ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है ,क्यूंकि ये सब जब घट रहा था तब देश और दुनिया में कोरोना काल चल रहा था कर सब कुछ मानो थमा हुआ था और इसलिए सबकी नज़र और खबर में सब कुछ आ गया और फिर आता रहा।  खासकर तब ये और भी स्वाभाविक था जब राज्य सरकार की तरह से उनका एक बड़बोला मंत्री रोज़ सुबह चौपाल लगा कर पूरी दुनिया को , सरकार , सबको हुड़की देकर याद दिलाता था कि -संजय राउत मतलब शिव सेना और बाकी सब के सब naughty .

पालघर में दो वृद्ध निरीह साधुओं की ह्त्या भीड़  पुलिस की मौजूदगी में कर देती है और हिन्दुओं की हितैषिणी होने का दावा करने वाली पार्टी सम्वेदनहीन मूकदर्शक बनी रहती है।  एक नवोदित अभिनेता की विवादास्पद मौत और उसके पीछे किसी दबंग राजनेता द्वारा आयोजित कोई रात्रि पार्टी जिस पार्टी में एक और नवोदित फिल्मकर्मी की भी विवादास्पद मौत , कहीं कोई हलचल नहीं उलटा सब कुछ दबाने छिपाने मिटाने की कोशिश , विरोध में बोलने वाली कंगना रनौत के घर दफ्तर पर बुलडोज़र फिरा कर लोगों में डर पैदा करने की कोशिश , कोरोना काल में -सब अपना अपना देखें -जैसा रवैया।

कहानी इतने पर ही रूकती तो गनीमत थी – टीवी चैनल से लेकर पत्रकार और सम्पादक तक पर तरह तरह के मुकदमे लगा कर उन्हें जेल में डालने की नई रवायत भी उस पार्टी की सरकार ने डाली जिस पार्टी के  संस्थापक आदरणीय बाला साहब ठाकरे ने अपने जीवन की शुरुआत एक अखबार और उसके सम्पादन से ही की थी , और इत्तेफाक देखिये कि ये सब कुछ  जिन संजय राउत के इशारे पर हो रहा था वे खुद भी पत्रकार /सम्पादक रहे हैं।

हालात किस कदर भयानक हो चले थे महाराष्ट्र के महाआघाडी सरकार में इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से ही लगाइये कि , मुंबई के पूर्व  पुलिस कमिश्नर , कई पूर्व अधिकारी , महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख , पूर्व मंत्री नवाब मलिक और अब संजय राउत सबको अलग अलग सरकारी महकमों ने धर के उठा लिया कर जेल के भीतर डाल दिया ।  यानि पूरी बरात है भ्रष्टाचारियों की बस नंबर एक एक करके आ रहा है सबका।  पूरे पूरे शहर से वसूली का कारोबार किया भाई लोगों ने किसी ने होटल बार से हफ्ता वसूला तो किसी ने गरीबों का चॉल ही बेच दिया।  अब करो ——सामना 

तो राउत जी जो भगवा गमछा आप जेल जाते समय लहरा रहे थे न अब उसी को जेल में ओढ़ कर दिन रात हनुमान चालीसा पढ़ना – हम आपके हितैषी , बंधू , बांधव तो आपको यही सलाह देंगे कि अब आप जेल में हनुमान जी की शरण में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ रोज़ भोर और संध्याकाळ किया करें , हाँ जुम्मे के दिन आप ____________

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.