पिछले एक साल में तथाकथित किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानियों और अलगाववादियों ने वामियों ,कांगियों के साथ मिल कर जिस तरह से अनेकों बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मृत्यु की कामना की , “मर जा मोदी , हाय हाय मोदी ” का छाती कूट स्यापा किया , यहां तक कि खुलेआम धमकी तक दी गई कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह उनका भी क़त्ल कर दिया जाएगा।

एक तरफ पाकिस्तान दूसरी तरफ चीन , देश के अंदर सक्रीय चरमपंथी और कैप्टन अमरेंद्र सिंह को पंजाब से हटाए जाने के बाद नक्सली /खालिस्तानियों के गठजोड़ का पंजाब में बढ़ता प्रभाव , इतनी संवेदनशील परिस्थितियों में भारत के प्रधानमंत्री के अतिसुरक्षित और गोपनीय रूप से चालित काफिले को , पंजाब की कांग्रेस सरकार के इशारे पर पंजाब पुलिस की मूक सहमति और समर्थन से , बहुत खतरे में डाल दिया।

अब जैसे तैसे स्थिति और अधिक स्पष्ट होती जा रही है तो ऐसे में मुख्यमंत्री चन्नी का यह कहना कि – कोई चूक नहीं हुई /की गई – ठीक ही लगता है -क्यूंकि ये कोई भूल चूक , गलती नहीं एक सोची समझी साजिश और षड्यंत्र है।  प्रधानमंत्री के इस उच्च वरीयता वाले कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार द्वारा अपेक्षित किसी भी नियम , कायदे और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान राज्य के पुलिस महानिदेशक , राज्य सचिव और मुख्यमंत्री की उपस्थ्तिति अपेक्षित और अनिवार्य परम्परा है।  एकसाथ ही तीनों का प्रधानमंत्री के काफिले से नहीं जुड़कर गायब हो जाना संयोग नहीं है।  इतना ही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर प्रधानमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जरूरत के समय फोन तक नहीं उठाना भी कोई इत्तेफाक नहीं था बल्कि जानबूझ कर की गई घिनौनी करतूत थी।

काफिले को फ्लाईओवर के ठीक बीचों-बीच न सिर्फ बाधित किया जाना और फिर कुछ ही पलों में वहां प्रदर्शनकारियों की शक्ल में जुटी हिंसक भीड़ साथ ही खड़े और चाय पीते पुलिस वालों की बटालियन और पूरे 20 -25 मिनट तक पूरे काफिले को बेहद असुरक्षित कर दिया जाना।

इस सारे षड्यंत्र को भांपते हुए काफिला वापस जाने को विवश हुआ कर अंततः देश के प्रधानमंत्री को भी कहना पड़ा कि इतने बड़े षड्यंत्र से सुरक्षित बच कर लौट आने के लिए वे राज्य सरकार और उनके मुखिया , मुख्यमंत्री चन्नी का धन्यवाद करते हैं।

अब ज़रा गौर करिये ये भी कि

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासन में : भाजपा अध्यक्ष के ऊपर जानलेवा हमला

पंजाब में सीधे प्रधानमंत्री की जान को ही खतरे में डालने का षड्यंत्र ,

दोनों में ही राज्य पुलिस की भूमिका संदिग्ध
मगर हिन्दू , भाजपाई , संघी , बजरंग दल कोई उग्र नहीं। 
“असहिष्णुता “का शोर मचाने वाले जाने इन दिनों कौन सी विलुप्त प्रजाति बने हुए हैं।  दो दो मिनट पर बात बेबात बोलने वाले सिद्धू , राहुल , प्रियंका समेत तमाम कांग्रेसी नेता शतुर्मुग की तरह रेत में गर्दन घुसा कर बैठे हैं।  

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