राजधानी दिल्ली में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा “नैरेटिव वॉर और हिन्दू रिसर्जेंस” इस शीर्षक पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 20 से अधिक बुद्धिजीवी राष्ट्र भक्तों ने इस कार्यक्रम में स्फूर्त सहभाग लिया और हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में आने वाली अड़चनों को मात करने हेतु वैचारिक युद्ध लड़कर ही हिन्दू पुनुरुत्थान संभव है इस विषय पर मंथन किया ।
इस कार्यक्रम का प्रारम्भ करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु चारुदत्त पिंगले ने कहा कि आज हिन्दू धर्म के विरुद्ध वैश्विक अपप्रचार किया जा रहा है। ये अपप्रचार अधिकांशतः भारतीय जीवन पद्धति, हिन्दू धर्म संस्कृति, विविध भाषा, हिन्दू कर्मकांड, हिन्दू त्यौहार, उत्तर भारत – दक्षिण भारत आदि के सम्बन्ध में होते हैं। उन्होंने अपप्रचार का उदाहरण देते हुए कहा कि आज सैनिकों पर पत्थर मारने वाला मासूम युवा होता है तथा पत्थर मारने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। ईद पर बकरे काटे जाते हैं उस का विरोध नहीं होता परन्तु पशु बलि का विरोध किया जाता है। दिवाली पर पटाखे फोड़ने से प्रदुषण होता है परन्तु 25 दिसम्बर और 31 दिसम्बर को नहीं होता, क्या ताजमहल प्रेम की निशानी है ? जो जीता वो सिकंदर है ऐसे गलत भ्रम फैलाए गए।
भारत विश्व का पहला विकृत सामग्री मुक्त देश बने  श्री उदय माहुरकर 
 “ओ टी टी की भयावहता और हिन्दू संगठनों का दायित्व” पर मार्गदर्शन करते हुए  ‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ के संस्थापकलेखकइतिहासकार और भारत के पूर्व सूचना आयुक्त श्रीउदय माहुरकर  ने कहा कि  चित्रपट-वेबसिरीज इस माध्यम से हिन्दुओं के देवताओं का विडंबन किया जाता है । हिन्दू राष्ट्र बनने में 2 बड़ी अड़चने हैं कट्टर जिहादी मानसिकता और OTT माध्यम। भारत में अनेक अनुसंधानों से ये पता चला है कि ओ टी टी माध्यम के दुष्परिणामों के कारण बलात्कार की संख्या में वृद्धि हुई है। अश्लीलता  परोसकर भारत को व्यभिचार में धकेलना भी हिन्दू विरोधियों का मूल उद्देश्य है।  इन सबसे बचने के लिए भारत पोर्नोग्राफी वेबसाइट को बैन करे भारत विश्व का पहला विकृत सामग्री मुक्त देश बने , ऐसा न करने पर 10 से 20 वर्षों की जेल का प्रावधान हो।
घुसपैठ के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के विरोध में कानून बनना चाहिए – अश्विनी उपाध्याय
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि भारत की कोई भी समस्या का समाधान न हो ऐसा नहीं हो सकता क्यों कि यह मानव निर्मित समस्या है अगर भारत में शिक्षा में संस्कार और कानून का डर समा जाए तो भारत की 80 प्रतिशत समस्या समाधान हो जाएगा। भारत के अनेक झूठे केस, झूठी गवाही के कारण होते हैं। झूठ को गंभीर अपराध घोषित किया जाए। अगर हम हर गवाह का नार्को पॉलीग्राफी ब्रेन मैपिंग आवश्यक कर दें तो झूठे केस में कमी आएगी। अन्य देशों में झूठी शिकायत पर दंड का प्रावधान है परन्तु भारत में ऐसा नहीं है। हमारी न्यायिक व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है।अवैध कृत्य के लिए भारत में सजा नहीं मिलती।  प्रतिदिन दस हज़ार धर्मान्तरण होते हैं। भारत में भ्रष्टाचार के कारण अवैध घुसपैठियों के सभी आवश्यक कागज बन जाते हैं। घुसपैठ के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के विरोध में कानून बनना चाहिए। धर्मांतरण करने पर भारत की नागरिकता समाप्त करने का कानून बनाना चाहिए। जो कानून को न माने, वंदे मातरम को न माने, भारत को न माने उनकी नागरिकता समाप्त कर देनी चाहिए। अधर्म का नाश होने से धर्म के जय नहीं होती बल्कि धर्म की जय होने से अधर्म का नाश होता है।
   जिन्होंने हमें शर्मसार किया उन्हें हमने महात्मा कहा  – मधु पूर्णिमा किश्वर
प्रसिद्ध शिक्षाविद मधु पूर्णिमा किश्वर जी ने कहा कि हिन्दू समाज के विरुद्ध वैचारिक युद्ध लम्बे समय से परम्परा रही है। बंदूकों और तलवार के बल पर व वैचारिक युद्ध के माध्यम से धर्मांतरण किया जाता रहा है।  हिन्दू धर्म को सामाजिक कुरीतियों का पर्याय बना दिया गया है, केवल हिन्दू धर्म की कुरीतियों का उजागर किया गया और लिखा गया परन्तु अन्य धर्मियों के किसी भी कुरीति का उल्लेख कहीं नहीं मिलता जिन्होंने हमें शर्मसार किया उन्हें हमने महात्मा कहा। हिन्दू परंपरा, फॅमिली सिस्टम को लगातार तोड़ने का प्रयास किया गया है। जिस देश में चीर हरण को लेकर महाभारत हो जाया करती थी उस देश में व्यभिचार चरम पर है।  यह निश्चित ही चिंता का विषय है। कानून व्यवस्था को सुधारने की अत्यंत आवश्यकता है। आज कोई भी हिन्दू हित की बात नहीं करता।
इस कार्यक्रम में लेखक और उद्योगपति श्री संक्रांत सानू , अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू,  अधिवक्ता विनीत जिंदल, श्रीमती नीरा मिसरा भी उपस्थित रहे।  
श्री रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिंदू जनजागृति समिति  

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