अब तो ये देश क्या पूरी दुनिया को भी पता चल गया है कि , मौजूदा सरकार सबसे पहले प्रशासन ,सरकार और संस्थाओं को दुरुस्त करने के काम में लगी हुई है जिसके लिए इन सबका आधार यानि- नियम कानून को वर्तमान समय के अनुसार सामयिक , कठोर , और समीचीन बनाने का कार्य |

इतना ही नहीं बरसों से जिन कानूनों की जरूरत महसूस की जा रही थी और जिनके अभाव में समाज और शासन द्वारा व्यवस्था को ठीक किए जाने के अन्य प्रयासों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था | शिक्षा ,बेरोजगारी , स्वास्थ्य , जीवन स्तर , आवास , पेय जल और शौच की व्यवस्था आदि तमाम तरह की बुनियादी जरूरतों के लिए भी , राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर , तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे कानूनों की आवश्यकता महसूस की जा रही है |

इसके साथ ही नागरिक कानूनों के पालन में कुछ विशेष समुदायों द्वारा निजी और शरिया कानूनों का सहारा लेकर ,प्राकृतिक कानूनों को धत्ता बता कर साफ़ बच निकलने वालों के लिए और जैसा की शाह बानो प्रकरण में स्वयं माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को इस बाबत आदेश निर्देश भी दिए थे कि सरकार को एक देश में एक कानून के विकल्प के ऊपर जल्द से जल्द काम करना चाहिए |

मौजूदा कानून मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने , लोकसभा में सांसद दुष्यंत सिंह के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में इस बात का स्पष्ट इशारा दे दिया कि , मौजूदा सरकार बहुत जल्दी ही एक देश एक कानून अर्थात ” समान नागरिक संहिता कानून ” लाने और लागू करवाने वाली है |

पिछले वर्ष ही अदालत द्वारा इस विषय पर की एक टिप्पणी में सरकार को दोबारा याद दिलाया गया था कि पिछले सरकारों ने अनेक आश्वासनों के बावजूद भी सामान नागरिक संहिता कानून को लाने का कोई प्रयास नहीं किया जिसके कारण देश में सालों तक तलाक और बहुपत्नी जैसे घोर अन्यायपूर्ण व्यवहार को लोग निजी कानून द्वारा न्यायोचित ठहराते रहे हैं |

सरकार और उसके कानून मंत्री ने लोकसभा में यह स्पष्ट कर दिया कि , भारतीय जनता पार्टी पहले ही अपने घोषणापत्र में भी यह संकल्प ले चुकी है इसलिए अब बहुत जल्द ही इस मसौदे को अंतिम रूप देकर संसद के पटल पर रखा जाएगा | यानी एक देश में रहने वालों पर सिर्फ एक कानून लागू होगा | भारत का कानून | जय हिन्द | जय भारत

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