ये होती है ज्यादा से भी थोड़ा ज्यादा तेज़ , तनिक अधिक , जस्ट ए बिट मोर , होने की पहचान | आपको ये साबित करना होता है अपनी बातों से अपने कर्म से और अपनी ट्वीट से भी कि कुछ तो , अरे कुछ तो बात यकीनन ही होगी न ऐसे ही थोड़ी कोई परम हो सकता है | बुलाया कहाया जा सकता है |

कहाँ तो एक मृत देह मिली थी एक युवा अभिनेता की , ठीक 8 दिन पहले इसी अभिनेता की मैनेजर एक युवती की भी सदिग्धवस्था में लाश मिली थी | सब कुछ प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी के एक कम उम्र मगर बड़े कद के राजनेता की जन्मदिन की पार्टी की रात कुछ बहुत गहरा ,कुछ बहुत खतरनाक होने जैसे अपराध और उस अपराध के बाद पूरे हिंदी सिनेमा के नशे के सागर में धुत्त होने के अफ़साने |

ये सब तमाम अपराध , उनका प्रभाव , इन्हें करने कराने वाले बड़े बड़े सफेदपोश कोई भी मुम्बई पुलिस को जांच या तफ्तीश के लायक मामला नहीं लगा | लगता भी क्यों , ये कोई छोटे मोटे बहादुर वीर की अगुआई में नहीं खुद परम वीर जी के सेनापतित्व में होना था |

इस बीच कहीं से उड़ती उड़ती खबर उड़ी , हालांकि जांच का विषय ये भी है की जब चैनल वाले अपने अपने ड्रोन पत्रकारों में सीेएनजी भरकर उन्हें हुश्श्श कर देते हैं तो फिर उनके रहते ,उन सबके रहते ये खबरें और अफवाहें उड़ाने का काम भला कोई दूसरा कर कैसे लेता है ?

तो खबर उड़ी की , खुद को सबसे तेज़ ,उससे भी थोड़ा ज्यादा तेज़ बताने और हर दो मिनट में यही बताने वाला एक ठो चैनलवा पिछले दिनों बहुत भद्द पिटा बैठा , उधर दंगल में नया नया उतरा पहलवान इतनी उछल कूद मचाता है की सबकी तौबा तौबा सी हो जाती है |

तो यानि कि , किसी की शिकायत , शुबहे आदि पर नहीं ये भयानक सा अन्वेषण और उसका नोबेल प्राइज़ विनिंग टाइप रिजल्ट | अलाने नहीं फलाने चैनल को लोग ज्यादा देख रहे हैं ?

अव्वल तो ये खबर किसी लायक नहीं है हम दर्शकों की नज़र से , हमारी मर्ज़ी हम तुम सबको न देखें ,हमारे ठेंगे से | फिर अगर हम कुछ देख भी रहे हैं तो जो हमारा मन होगा देखेंगे तुम्हारी TRP वाली रेस हमारे किस काम की भाई ? अब जब ये पता है तुम्हें कि लोग बाग़ उन दिनों रिपब्लिक की पब्लिक हुए जा रहे थे तो ये भी अंदाज़ा ही होगा कि लोग उन दिनों आखिर सबसे ज्यादा देख क्यों रहे होंगे उनको ? किस किस को गरियाते रहे रिपब्लिक वाले और पब्लिक वाले मजे ले लेकर सुनते देखते रहे , ये किसी से छुपा है क्या जी ?

ये रिपब्लिक वाले पब्लिक बनकर जो भेड़ियाधसान पत्रकारिता करते हैं न असल में अब उसी नंगई की जरूरत है भी |सबको कॉलर पकड़ पकड़ के पूछ रहा है बता भइये , आज और अभी बता |

लेकिन सिंघम और सिम्बा से लैस , सुपर कॉप स्पेशलिस्ट होने के कारण जिम्मेदारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है ,कई बार तो इतनी कि आपको आउट ऑफ़ सिलेबल जाकर पेपर देना पड़ जाता है | तो इस बार पुलिस ने आपको बताया है कि कैसे डब्बे हैक करके ये TRP वाला इतना बड़ा हाहाकारी ,विश्व की राजनीति को ,पूरे पर्यावरण को प्रभावित करने वाला जैसा समझिये ,उस काण्ड को कैसे पुलिस ने सुओ मोटो ही सॉल्व कर दिया |

डट कर “सामना” कर रही है पुलिस , आप भी करें |

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