सड़क पर कुछ लोग माँ दुर्गा की मूर्ति के साथ दिखाई देते हैं , अचानक एक तरफ से पुलिस इस तरह से डंडा घुमाती हुई दाखिल होती है मानो जो भी इस पुलिसिया ज़द में आया उसकी खोपड़ी खोल दी जाएगी | 

10 साल के एक बच्चे ,जो माँ दुर्गा के पूजन का विसर्जन देखने आया था उसे पुलिस ने गोली से उड़ा दिया , एक की गोली मार के पूरी खोपड़ी खोल दी | सैकड़ों बुरी तरह से टूटे फूटे और घायल हैं देर सवेर मरने वालों की गिनती थोड़ी बहुत आगे बढ़ भी सकती है , ऐसे छोटे छोटे मामलों में बढ़ ही जाती है | 

अब चूँकि हल्ला  मचाया जा रहा है तो तो सरकार मुआवजे की घोषणा , विशेष जांच दल ,न्यायिक आयोग आदि सबकी घोषणा वैगेरह भी हो ही जाएगी देर सवेर | थोड़ा दबाव और बढ़ा तो सम्बंधित अधीक्षक लिपि सिंह को थोड़ा निलंबित विलंबित कर दिया जाएगा | अब इससे ज्यादा और आप नीतीश बाबू की सुशासन सरकार से उम्मीद भी कैसे कर सकते हैं ? 

कुछ बातें सीधी सीधी -मुंगेर नरसंहार में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार पुलिस वालों और तमाम अधिकारियों पर क़त्ल का मुकदमा चला कर सज़ा क्यों न दी जाए ? 

क्या ये नहीं माना जाए कि पुलिस सिर्फ इसलिए ही गुंडागर्दी करते हुए लाठी भांजते और गोली दागते हुए उस भीड़ पर टूट पड़ी क्यूंकि वो निहत्थी और हमेशा की तरह शांत सहनशील हिन्दू लोगों की भीड़ थी ? पुलिस को अच्छी तरह पता था कि ये भीड़ पलट कर पत्थर, तेज़ाब , डंडा नहीं चलाएगी | चुपचाप गिर गिर कर मार खाएगी और मर जाएगी | 

आखिर पुलिस की इतनी हिम्मत कैसे हुई जो निर्दोष , निहत्थी ,निरपराध लोगों पर यूँ खून के प्यासे जोम्बी राक्षसों की तरह टूट पड़े ? ? किस मुंह से किस  आत्मा से वे आज सोशल नेट्वर्किंग पर आग की तरह घूम रही अपनी नृशंसता की सारी तस्वीरों को देख रहे होंगे ? सच में क्या यही करने के लिए पुलिस वर्दी पहनती है , वर्दी पहन कर यही करती है , सरकार पुलिस से  यही सब करवाने के लिए बनाई जाती है | 

कुछ नहीं होगा ,कुछ भी नहीं होगा , इस देश में ईसा और मूसा नहीं हुआ तो फिर ऐसे ही कभी दंगाई दौड़ा के मार देते रहेंगे ,कभी कोई मुग़ल सड़क पर माँ बहनों को गोली से उड़ा देगा , और कभी ये नेक काम खुद पुलिस अपने हाथों कर लिया करेगी | लेकिन हिन्दुओं , तुम तो अच्छे लोग हो न ,सहिष्णु और सहनशील | तुम थोड़ी कुछ करोगे है न ?? 

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