दिल्ली दंगो में चार्ज शीट में नाम से लेकर किसान आंदोलन अब धकियाये जाने तक, योगेंद्र यादव की खुजली अब लाईलाज हो चुकी हैं

जहर सी मीठी जुबान, देश के खिलाफ आग लगाने की बेचैनी, हर देशद्रोही मिशन का हिस्सा बनने की जल्दबाजी और जिंदगी में घण्टा कुछ ना कर पाने की झल्लाहट का मिला जुला नाम हैं योगेंद्र यादव।

आजकल योगेंद्र यादव की खुजली लाईलाज हो चली हैं। किसान बनने की नौटंकी करते योगेंद्र यादव ठीक एक साल पहले दिल्ली को जलाने की साजिशों का हिस्सा थे। दिल्ली दंगो की चार्ज शीट में योगेंद्र यादव की हरकतों का पूरा कच्चा चिट्ठा हैं।

दिल्ली दंगो से पहले योगेंद्र यादव के रिश्तेदारों के यहां काले धन और टैक्स चोरी के मामले भी पकड़े जा चुके हैं।

खुद को देश में चुनावों के एक्सपर्ट और जनता की नब्ज समझने का दावा करने वाले योगेन्द्र यादव की पार्टी स्वराज की अब तक की बेस्ट परफॉरमेंस 0.32% वोट हासिल करने की रही हैं।

देश में कहीं भी किसी भी आंदोलन का तंबू लगा हो, वहां अपना बम्बू लेकर योगेन्द्र यादव तुरन्त भागे जाते हैं। ताड़ी आंदोलन हो या साड़ी आंदोलन, कबाड़ी आंदोलन हो या अनाड़ी आंदोलन – एक चेहरा हर जगह जबरदस्ती घुसता दिखाई देगा और वो है योगेन्द्र यादव

योगेन्द्र यादव का नाम आंदोलन के नाम पर धंधा गर्म रखने वाले प्रोफेशनल एक्टिविस्ट के रूप में याद किया जाएगा। मुद्दे, नारें, शहर बदलते रहते है लेकिन जीबी रोड की किसी बूढ़ी वैश्या की तरह योगेन्द्र यादव आज भी किसी ऐसे ग्राहक की प्रतीक्षा में हैं जो उसे जिंदगी में सेकंड इनिंग का मौका दे पाए।

एक अंतहीन लाईलाज खुजली का प्रयाय बन चुके हैं – योगेन्द्र यादव

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