हिंदुत्व की अनूठी मिसाल, गौर करने लायक वाकिया
दलितों को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया जाता है ऐसी फालतू बातें करके जातीय भावनाओं को भड़काने का कार्य करने वाले अवसरवादी राजनीतिक खैरातियों को इस वाकिये से सबक लेना चाहिए….
ये मामला है राजस्थान के बीकानेर जिले में बामनवाली गांव का, जिसमें दलित समुदाय (एससी एसटी) के रामेश्वर सांसी की बेटी की शादी में दूल्हा हाथी पर सवार होकर आया, 500 घरों की बस्ती में 450 घर गैर दलितों के है पर सभी प्रेम भाव से रहते है सभी ने इस बारात का स्वागत किया…
आजकल जिस प्रकार का माहौल हिंदुस्तान में हिंदू वर्ग को तोड़ने का कुछ असामाजिक तत्व चाहे वह चंद्रशेखर रावण हो, वामन मेश्राम हो, प्रोफ़ेसर दिलीप मंडल हो, हंसराज मीणा हो, प्रशांत कनौजिया हो, उदित राज हो, यस मेघवाल या कुश अंबेडकरवादी हो… यह तमाम लोग पश्चिमी देशों में अरब देशों के फंडिंग पर हिंदुस्तान में दलितों के नाम की गंदी राजनीति करके दलित वर्ग के हिंदू वर्ग के भाइयों में आपसी वैमनस्यता फैलाकर जातिवाद का जहर बोने का कार्य करते हैं हिंदू वर्ग में खासतौर पर स्वर्ण समाज को टारगेट करके द्वेष था फैलाने का प्रयास यह तमाम खैराती लोग जो विदेशी ताकतों के बलबूते पर करते है
ऊपर जो नाम दिया है यह तमाम खैराती हिंदुस्तान में कहीं भी दलित पर किसी भी प्रकार का अत्याचार हुआ उस मामले को तूल पकड़ा कर आपसी भाईचारा बिगाड़ ने वह जहर फैलाने का कार्य लगातार करते हैं लेकिन 2 दिन पहले हुए इस घटनाक्रम का जिक्र कहीं नहीं करेंगे क्योंकि इन्हें पता है कि ऐसे मामलों का जिक्र करने से लोगों में आपसी सामाजिक सद्भावना का प्रसार होता है और जिससे इन अवसरवादी असामाजिक तत्वों की रोजी रोटी के ऊपर हमला होगा
वास्तविक स्तर पर मैं आपको बता दूं कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी भारतीय नागरिक से कोई समस्या नहीं है लेकिन हिंदुस्तान की इस राजनीतिक पटल पर कुछ अवसरवादी असामाजिक तत्व ऐसे हैं जो अपनी रोजी रोटी सेकने के लिए हिंदुत्व को तोड़ने का प्रयास निरंतर करते आ रहे हैं जिसके लिए वह सवर्णों को टारगेट करते हैं और उसमें से भी ब्राह्मण राजपूत और वैश्य को अलग अलग करके हिंदुत्व को तोड़ने का निरर्थक प्रयास पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं मैं आपको बता दूं कि पश्चिमी देशों से तथा अरब देशों से इन तमाम अवसरवादी नेताओं दोगले चरित्र वाले व्यक्तियों को फंडिंग की जाती है ताकि यह लोग हिंदुस्तान में अशांति फैला सके जाति के नाम पर रंग के नाम पर लड़ाने का कार्य यह लोग करते आए हैं
ऊपर दिए गए नामों में से कुछ लोग ऐसे हैं जो सीधे-सीधे हिंदुत्व को तोड़कर इस्लाम को प्रमोट करने का कार्य करते हैं कुछ लोग ऐसे हैं जो सुबह जब बिस्तर से उठते हैं तब से ही दलित दलित दलित के नाम पर लोगों को भड़काने का कार्य करते हैं जबकि खुद दलितों के ऊपर राजनीति करते हुए करोड़ों की महंगी महंगी गाड़ियों में घूमते हैं ऐसे लोग कभी भी किसी भी वर्ग के सहायक नहीं हो सकते क्योंकि सच्चे सहायक वह हैं जो पहले खुद क्रीमी लेयर को खुद पर लागू करें जिसने एक बार जातिगत आरक्षण के तहत आरक्षण का फायदा ले लिया हो वह आरक्षण का स्वत ही त्याग करें परंतु ऐसा नहीं है आज के इस राजनीतिक पटल पर अर्जुनराम मेघवाल, रामदास अठावले, थावरचंद गहलोत, चिराग पासवान जैसे नेता पिछले 75 वर्षों से जातिगत आरक्षण के नाम पर आरक्षण का फायदा उठा रहे हैं और जब बात हक और अधिकार के लिए आती है तो यह दलितों के ऊपर हो रहे अत्याचार का हवाला देते हुए समाज को बरगलाने का कार्य करते हैं और हिंदुत्व को तोड़ने का कार्य करते हैं 2 दिन पहले की इस घटनाक्रम को ऐसे तमाम इन अवसरवादी नेता और दोगले चरित्र वाले व्यक्तियों के मुंह पर तमाचा है और दुनिया को इस बात का एहसास कराने का प्रयास किया है कि देखे कैसे हिंदू अपने आप में संगठित हैं और किसी भी हिंदू को अपने त्यौहार अपने रीति रिवाज और अपने निजी आयोजनों को पूर्ण रूप से मनाने का पूर्णतया अधिकार है यही हिंदुस्तान की खूबसूरती है यही हिंदू धर्म की खूबसूरती है
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