हिंदुत्व की राह पर प्रकाश आंबेडकर, धार्मिक स्थल खोलने के लिए पंढरपुर में आंदोलन
महाराष्ट्र में मंदिर खोलने के लिए हिंदुत्ववादी संगठन लगातार आंदोलन कर रहे हैं। विपक्षी दल भाजपा ने भी इसके समर्थन में घंटानाद आंदोलन किया है। इस बीच सोमवार को वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष और भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के पौत्र प्रकाश आंबेडकर भी इस आंदोलन में कूद पड़े। प्रकाश आंबेडकर का आंदोलन में उतरना वंचित आघाड़ी का हिंदुत्व की ओर झुकाव माना जा रहा है।
सोमवार को वंचित बहुजन आघाड़ी ने विश्व वारकरी सेना और विभिन्न वारकरी संगठनों के साथ मिलकर सोलापुर के पंढरपुर में स्थित भगवान विट्ठल और देवी रुक्मिणी के मंदिर खोलने को लेकर आंदोलन किया। आंबेडकर के आंदोलन को लेकर सोलापुर जिला प्रशासन ने कड़ा सुरक्षा बंदोबस्त किया था। आंदोलनकारियों को पंढरपुर मंदिर में पहुंचने नहीं दिया गया।
आंबेडकर पंढरपुर मंदिर में दर्शन करना चाह रहे थे। लेकिन जिला प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं था। आंबेडकर मंदिर का द्वार खोलने और किसी भी हालत में मंदिर में जाने की जिद पर अड़ गए। इसके बाद जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अनुमति लेकर आंबेडकर के साथ आंदोलन करने वाले 15 प्रतिनिधियों को मंदिर में दर्शन की मंजूरी दी। आंबेडकर ने दर्शन के बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा की।
गांधी, फुले और आंबेडकर हमारे गुरु : आंबेडकर
इस दौरान हिंदुत्व की ओर झुकाव के सवाल पर आंबेडकर ने कहा कि हम महात्मा गांधी, महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को गुरु मानते हैं। इन सभी ने धर्म को कभी नकारा नहीं। धर्म जीवन का अविभाजित अंग है। इन महापुरुषों ने कहा है कि कौन सा व्यक्ति किस धर्म को माने, यह उस व्यक्ति पर छोड़ देना चाहिए। धर्म किसी पर लादा जाना नहीं चाहिए। आंबेडकर ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने जनभावना का आदर किया है। सरकार एसओपी जारी करेगी तो कोरोना फैलने की समस्या का समाधान हो जाएगा।
महाराष्ट्र में 10 दिन में खोल दिए जाएंगे मंदिर
महाराष्ट्र में मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थलों को 10 दिनों में खोल दिया जाएगा। राज्य सरकार ने वीबीए के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर को यह आश्वासन दिया है। आंबेडकर ने कहा कि आंदोलन को देखते हुए सरकार ने आंबेडकर से मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा में भक्तों के प्रवेश के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने के लिए आठ से 10 दिन का समय मांगा है। आंबेडकर ने कहा कि हम सरकार को समय देने के लिए तैयार हैं मगर सरकार ने 10 दिनों में धार्मिक स्थलों को शुरू करने का आदेश जारी नहीं किया तो हम लोग पंढरपुर में दोबारा आंदोलन करेंगे।
शिवसेना-कांग्रेस में नाराजगी, समर्थन में भाजपा
मंदिर खोलने के लिए आंबेडकर के आदोलन पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने नाराजगी जताई है। राऊत ने कहा कि कोरोना प्रकोप में जिस तरीके से पंढरपुर में भीड़ जमा है उससे ऐसा लग रहा है कि आंबेडकर लोगों को उकसा रहे हैं। जबकि कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि वैश्विक महामारी में समाज के सभी प्रमुख व्यक्तियों को सरकार का साथ देना चाहिए। दूसरी ओर, भाजपा नेता व विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने आंबेडकर के आंदोलन का समर्थन किया। दरेकर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच आर्थिक गतिविधियां भी शुरू होनी चाहिए।
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