दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा मासूम चेहरा बनाकर कहा है कि भारतीय मुद्रा के नोटों पर लक्ष्मी व गणेश के चित्र लगा देने चाहिए। उनसे सवाल पूछा जाना चाहिए कि आखिर हिंदू देवी देवता व हिंदू धर्म के प्रति अचानक उनकी छाती में दूध क्यों उमड़ आया है??

जो एकाएक अरविंद केजरीवाल हिंदू देवी देवताओं के लिए इतने प्रेमी हो गए हैं उसकी वजह साफ है वह है गुजरात विधानसभा चुनाव..! अरविंद केजरीवाल से पूछा जाना चाहिए कि वह जो सरकारी खजाने से हर महीने मौलवी मुल्ला मुफ्तियों को जनता के टैक्स के पैसे की सरकारी तनख्वाह देते हैं यदि उन नोटों पर लक्ष्मी व गणेश के चित्र लगा दिए जाएंगे तो उनके मौलवी क्या उन नोटों को स्वीकार करेंगे?

अरविंद केजरीवाल मौलवी मुफ्तियों के प्रिय हैं वह रोजा इफ्तार पार्टी में जाते हैं मौलवियों को सरकारी खजाना खोलकर पैसा देते हैं। यदि नोटों पर लक्ष्मी गणेश के चित्र बनेंगे तब तो वह नोट उन मौलवी मुफ्ती व शांतिप्रिय समुदाय के लोगों के लिए कुफ्र हो जाएंगे। ऐसे में क्या अरविंद केजरीवाल यह सदमा बर्दाश्त कर पाएंगे कि उनके प्रिय मौलवी उनके सरकारी खजाने से पैसे नहीं ले रहे हैं?

अरविंद केजरीवाल से पूछा जाना चाहिए और अरविंद केजरीवाल को यह जवाब भी देना चाहिए कि उनका मन हिंदू देवी देवताओं व हिंदुत्व के लिए कितना साफ है वरना बाकी जनता तो समझ ही रही है कि यह महज एक दिखावा है।

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