असम में प्राप्त हुई नतीजों के मुताबिक बीजेपी 75 सीटों के साथ बहुमत में दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी ने 49 सीटें अपने कब्जे में डाली हैं। 

राज्य में चाय बागान कर्मी चुनाव नतीजों को प्रभावित करते हैं। चाय बागान के कर्मी विधानसभा की 126 सीटों में से करीब 40 सीटों के चुनाव नतीजों को प्रभावित करते हैं। यानि यह समुदाय अगर एकजुट होकर यदि किसी राजनीतिक दल के पक्ष में मतदान करता है तो उसे करीब इन सभी 40 सीटों पर जीत मिल जाती है। पूरे राज्य में 800 से ज्यादा चाय के बाग हैं। चुनावी रुझानों को देखने से लगता है कि भाजपा को इस बार चाय बागान कर्मियों का पूरा साथ मिला।


कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने चाय के बागानों में काफी मेहनत की थी तब यह बहस चली थी कि क्या कांग्रेस की चाय वाली बीजेपी के चाय वाले यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर दे पाएंगी? मगर चुनाव नतीजे यह साफ जाहिर कर रहे हैं कि बीजेपी चाय बागान में काम करने वाले तमाम मजदूरों को अपने पक्ष में लामबंद करने में सफल रही है और इसी का नतीजा है कि चाय बागानों के प्रभाव वाली 40 सीटों पर बीजेपी का दबदबा रहा है।

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