असम में हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार इस्लामिक कट्टरपंथियों और जिहादी तत्वों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। इसी के तहत असम पुलिस ने बड़े टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. सरमा की पुलिस ने आतंकी गठजोड़ का खुलासा करते हुए अल कायदा से जुड़े अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारियां मोरगांव, गुवाहाटी, बारपेटा और गोलपारा जिलों से की गई हैं। वहीं इसमें से एक को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है।

वहीं इससे एक दिन पहले असम पुलिस ने मोरीगांव जिले के मोरियाबारी के एक मदरसा के टीचर मुफ्ती मुस्तफा को गिरफ्तार किया था। वहीं नेटवर्क से जुड़े बाकी फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों पर UAPA के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस के मुताबिक मुस्तफा सहरिया गांव में एक मदरसा, जिसका नाम जमीउल हुडा मदरसा है, इसमें एक शिक्षक के तौर पर पढ़ाता है. पुलिस ने इस मदरसे को सील कर दिया है. पुलिस ने बताया कि मदरसे का संचालन गैरकानूनी तरीके से अर्जित आय के माध्यम से किया जा रहा था. पुलिस ने मुस्तफा के अलावा, 39 साल के अफसरुद्दीन भुयान को भी मोरीगांव से अरेस्ट किया है.

बारपेटा से गिरफ्तार हुए आरोपियों की उम्र 20 से 50 वर्ष के बीच है. जिनके नाम जुबेर खान, रफीकुल इस्लाम, दीवान हमीदुल इस्लाम,मोइनुल हक, कज़ीबुर हुसैन, मुजीबुर रहमान, शाहजहाँ अली और शहनूर आलम हैं। जुबेर खान को छोड़ कर बाकी सभी स्थानीय बरपेटा थानाक्षेत्र के ही रहने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अल-कायदा के वर्तमान मुखिया अल जवाहिरी ने ‘गो टू असम’ का एलान किया है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। मोरीगांव में जमीउल हुडा मदरसा चलाने वाले मुफ़्ती मुस्तफा की गिरफ्तारी के बाद 39 साल के अफसरूद्दीन भुयान को भी मोरीगांव में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एक अन्य गिरफ्तारी अब्बास अली की हुई है। इन सभी पर एक फरार आतंकी महबूब उर रहमान को शरण देने का आरोप है।

वहीं मोरीगांव की SP अपर्णा के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों से उनके नेटवर्क और फंडिंग के स्रोतों की जानकारी ली जा रही है। जहां अब तक पुलिस ने 2 मदरसों को  सील कर दिया है वहीं उसमें पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी स्कूल में शिफ्ट किए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री सरमा ने दे दिये हैं .

सीएम सरमा ने कहा, ‘असम के बारपेटा और मोरीगांव जिलों में दो आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है. इन टेरर मॉड्यूल से जुड़े सभी लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘इन लोगों की गिरफ्तारी से हमें और भी ज्यादा जानकारी मिलेगी.’

आपको याद होगा कि सीएम बनने के बाद ही हिमंता बिस्वा सरमा ने मदरसा शब्द ही खत्म करने की वकालत करते हुए कहा था कि मदरसे में बच्चों को दाखिला दिलवाना ही मानवाधिकार का उल्लंघन है. जब तक मदरसा दिमाग में घूमेगा तब तक बच्चा कभी डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बन पाएगा। इससे पहले एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि लगभग सात सौ मदरसे बंद हो चुके हैं, बाकी मदरसों को नर्सिंग स्कूल और मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों में बदलने का इरादा है।

दरअसल हाल के दिनों में कई राज्यों की पुलिस ने ऐसे मदरसों का भंडाफोड़ किया है जहां तालीम के पीछे आतंकी ट्रेनिंग दी जाती है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता मदरसे आंतकी शिक्षा को फैलाने का सबसे आसान रास्ता बन गए हैं !

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