असम के कोकराझार के अभयाखूटी गांव में जनजातीय समुदाय की 2 नाबालिग बच्चियों के साथ जिस क्रुरता और हैवानियत के साथ पहले रेप और फिर दोनों के शव को पेड़ से लटका दिया गया था उसने सभी को झकझोर कर रख दिया था. लेकिन असम के मुख्यमंत्री की सख्ती और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भी मामले को सुलझाने के लिए पूरी ताकत लगा दी. जिसके बाद मुजम्मिल, नजीबुल और फारुख रहमान को धर दबोचा .
आपको बता दें कि यहां के राभा समुदाय की 14 और 16 साल की दो लड़कियों के शव बीते शनिवार को पेड़ से लटके मिले थे. पुलिस के मुताबिक, ‘दोनों के साथ पहले रेप किया गया, फिर हत्या कर दी गई और इसे खुदकुशी की तरह दिखाने के लिए दोनों के शवों को पेड़ से लटका दिया गया था.’ दोनों लड़कियां एक ही परिवार की थीं। घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा खुद 13 जून को कोकराझार जाकर आहत राभा जनजातीय समुदाय के परिवार से मिले थे और उन्हें दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने का भरोसा दिया था।
दरअसल लोअर असम के कोकराझार, नौगांव और बरपेटा जिलों में बांग्लादेशी मुस्लिम बड़ी तादाद में बसे हुए हैं। जो आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं . कई जिलों में उन्होंने बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण किया हुआ है। बताया जाता है कि, बरपेटा के वैष्णव सत्र की काफी जमीन इन्हीं बांग्लादेशी घुसपैठियों ने दबाई हुई है। लेकिन हिमंत सरमा के मुख्यमंत्री बनते ही इन घुसपैठियों के खिलाफ उन्होंने मुहिम शुरू कर दी. जिसके तहत बड़ा फैसला लेते हुए उन्होंने अवैध अतिक्रमण हटाने की मुहिम की शुरुआत की है।
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