मुख्तार अंसारी ने अपने गुर्गे राकेश को यह साफ हिदायत दी थी कि वह कृष्णानंद राय की हत्या कर उनकी चोटी काट ले। जब मुख्तार अंसारी के गुर्गों ने कृष्णानंद राय और उनके काफिले पर अंधाधुंध फायरिंग की उसके बाद उनके मृत देह से उनकी चोटी काट कर मुख्तार अंसारी के सामने पेश की गई।