कविता ये देश बनता है….देशभक्ति पर कविता ये देश नही बनता केवल खेत-खलिहानों से पहाड़ो से या मैदानों से पठारों या रेगिस्तानों से ये देश बनता है….यहाँ बसते इंसानों से। ये...
कविता आओ सफल बनाएं स्वच्छ भारत अभियान परमाणु शक्ति है देश हमारा, दुनिया में हम प्रथम लोकतंत्र कहलायें आबादी में हम दूसरा नंबर, बहुतायत में हैं खनिज संपदाऐं खाद्यान्न की कोई...
कविता आओ सूरज को दिया दिखाएं – स्वामी विवेकानंद पर कविता त्रेता में राम, द्वापर में कृष्ण, कलयुग में कबीर और विवेकानंद महापुरुष जन्म लेते हैं सदियों में, सदियों तक रहती उनकी सुगंध 19वीं सदी...
कविता ना कोई तुलना ना कोई टक्कर एक अकेले तुलसीदास ना कोई तुलना, ना कोई टक्कर, उन पर निर्भर सारा इतिहास कवि कहें, संत कहें या मसीहा समाज के, सीमित करने का न करें...