किसान आंदोलन धीरे-धीरे खबरों से गायब होता दिख रहा था मगर कल एक बार फिर किसान आंदोलन सुर्खियों में था और वजह थी संत बाबा राम सिंह  के बारे में । कल कथित रूप से संत बाबा राम सिंह ने किसानों के समर्थन में आत्महत्या कर ली..! संत बाबा रामसिंह का डेरा करनाल जिले में निसंग के पास सिंगड़ा गाँव में है। वह सिंगड़ा वाले बाबा जी के नाम से दुनियाभर में विख्यात थे।
संत बाबा रामसिंह के शिष्य हरियाणा, पंजाब और पूरी दुनिया में रहते हैं। बाबा राम सिंह के प्रवचन सुनकर आत्मिक शांति मिलती है ऐसे में उन जैसी दार्शनिक आध्यात्मिक शख्सियत की आत्महत्या की खबर हजम नहीं होती है। यानी कि ऐसा संत जो लाखों करोड़ों लोगों को आत्मविश्वास , भरोसा और ज्ञान देता था… वो सिर्फ दुखी होकर आत्महत्या कर लेगा…. ??? ताज्जुब इस बात का है कि… किसी ने उन्हें आत्महत्या करते नहीं देखा…? उनका एक अंतिम पत्र मिला है… पर क्या ये उन्हीं का लैटर है…इस पर जांच जरूरी है… पुलिस को उनकी आत्महत्या की जांच जरूर करनी चाहिए।
 एक गुरू, एक सिक्ख गुरू आत्महत्या करें इसे हजम करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि सिक्ख एक जिंदादिल कौम होती है… सिक्खों के इतिहास में… आत्महत्या का कोई स्थान है ही नहीं… फिर ये सिक्ख गुरू…एक महान गुरू… किसान आंदोलन से आहत होकर आत्महत्या कर लेगा… वो भी तब जब वहाँ उपस्थित हर किसान हर व्यक्ति की सुख सुविधा का विशेष ध्यान दिया जा रहा है…!।अगर वो सच में दुखी होते तो…. अनिश्चित कालीन भूखहड़ताल करते… और अपने अनुयायियों को भी प्रेरित करते…. पर आत्महत्या किसी कीमत में ना करते…! पुलिस को इस कथित आत्महत्या की जांच हत्या के एंगल से भी करनी चाहिए!

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