बेगानी शादी में योगेन्द्र यादव दीवाना…

अन्ना हजारे के आंदोलन से लेकर अरविंद केजरीवाल के धरने तक तथा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से लेकर किसान आंदोलन तक ऐसे दर्जनों असामाजिक तत्वों द्वारा आंदोलन के नाम पर हिंदुस्तान को जलाने वह हिंदुस्तान में अशांति फैलाने के प्रयास पिछले 6 वर्षों से लगातार होते आ रहे हैं इन प्रयासों में मुखोटे अलग अलग हो सकते हैं परंतु एक व्यक्ति जो इन सब में घुसता है एक व्यक्ति जिसको इन सब की समस्या है जिनको इन सब से दिक्कत है वह है अपने आप में तथाकथित सोशल एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव यह वह लोग हैं जो किसी कलिकाल समय काल में शायद गलती से हिंदुस्तान में पैदा होगा क्योंकि इनके मानसिक स्तर और जहन में केवल और केवल हिंदुस्तान की बर्बादी लिखी है इन्होंने जेएनयू के नाम पर विद्यार्थियों को आपस में लड़ाने का प्रयास किया इन्होंने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के बच्चों को आपस में भड़का कर देश में अशांति फैलाने का प्रयास किया अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे बच्चों को आपस में बरगला कर देश में अशांति फैलाने का प्रयास किया बॉलीवुड में कार्य करने वाले कलाकारों से लेकर राजनीति में नए नवेले प्रदान करने वाले नेताओं तक योगेंद्र यादव जैसे लोग जहर बोने का कार्य करते हैं आंदोलन कोई भी हो यह आयोजन कर पाते हैं और उस आंदोलन का हिसाब से करते हैं जैसे पूरे आंदोलन की दूरी तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता के नाम पर लोगों को बरगला कर केवल और केवल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होना इनका पैसा है लेख का शीर्षक बेगानी शादी में योगेंद्र दीवाना यह इसीलिए कहा गया क्योंकि हाल 2 दिनों से हम देख रहे हैं किसान आंदोलन तो पिछले दो-तीन महीने से चल रहा है लेकिन यह तथाकथित अवसरवादी नेता पिछले दो-तीन दिन से किसान आंदोलन के ऊपर अपनी प्रतिक्रियाएं छल्ले मीडिया चैनलों के माध्यम से अपनी बात इस प्रकार से रख रहे हैं जैसे पूरे आंदोलन की धुरी यही हो और 8 दिसंबर को हिंदुस्तान को बंद करने की धमकी तो ऐसे दे रहे हैं जैसे इन्हें इनका 10 x 10 के कमरे को ताला लगाने की बात कर रहे हो खुद की हैसियत का अंदाजा पिछले इन के पांच 7 सालों के क्रांतिकारी कार्यों से आप लगा सकते हो लेकिन हिंदुस्तान को अपने बाप की जागीर समझने वाले यह लोग फटाक से घोषणा कर देते हैं कि हिंदुस्तान को बंद कर रहे हैं किसके नाम से किसानों के नाम से ताकि पूरे भारत का किसान इस पूरी व्यवस्था से प्रभावित हो

यह अवसरवादी नेता भूल जाते हैं कि असली किसान अपने खेतों में काम कर रहा है वह तो अपना उत्पादन बाजार में बेच रहे हैं या कोई नया बीज बो रहा है खेत में या कहीं कहीं फसल निकाल भी रहा है लेकिन यह किसान और मंडी के बीच कई बिचौलिए दलाल इनकी जेब में किसान बिल के आने से कट चुकी है और इस वजह से उस जेब को बचाने के लिए पिछले 3 महीने से यह देश में अशांति फैलाने का प्रयास करें केवल हम पंजाब की बात करें तो करीबन करीबन चोली हो दलालों की दलाली बंद हो जाने वाली है इस किसान बिल के आने के बाद हजारों करोड रुपए का नुकसान इन दलालों को होगा जो किसान से कम रेट में माल खरीदते थे और फिर सरकार को महंगे दामों पर बेचते थे सरकार ने किसान और सरकारी खरीद के बीच के जितने भी दलाल थे उनको किनारे कर दिया और किसानों को सीधा अधिकार दे दिया कि आप सीधे-सीधे यह आपका उत्पादन सरकार को भेजिए या सरकार के द्वारा तय की गई एमएसपी पर भेजिए और यह बात बीच के दलालों को कैसे पसंद आती है और उन्होंने कुछ किसानों को कुछ असामाजिक तत्वों को और कुछ योगेंद्र यादव जैसे देशद्रोही गद्दारों को साथ में मिलाकर उन्होंने आंदोलन का रूप दे दिया

MP4 दिनों में हमने देखा कि चाय प्रकाश सिंह बादल हो या खिलाड़ी विजेंद्र सिंह हो या कुछ लोग और भी थे जिन्होंने देश के द्वारा दिए गए सम्मान को वापस लौट आने का प्रयास किया और लौटाने की घोषणा कि मैं उन तथाकथित अवसरवादी भांडुप से कह देना चाहता हूं कि जब आपको इस अवार्ड को संभालने की हैसियत नहीं थी तो आपने अवार्ड लिया ही क्यों और जब लेते टाइम आपने अवार्ड के साथ-साथ तमाम सरकारी सुविधाएं केस प्राइस और ना जाने कितनी प्रतिष्ठा आपने हासिल की और अब महज अवार्ड वापस लौटा रहे हो वह सारी व्यवस्थाएं हैं जो आपने पिछले 5 साल 10 साल में बोगी है उन सारी व्यवस्थाओं को भी वापस लौट आओ अगर आप ऐसा नहीं करते हो तो देश में आप जैसे चेन्नई तक गद्दार मैंने आज तक नहीं देखी इसलिए मेरा ऐसे अवार्ड वापसी गैंग से भी निवेदन है कि अवार्ड के साथ हालांकि आपकी औकात नहीं होगी लेकिन फिर भी अवार्ड के साथ आपने जो पैसा लिया था जो सुविधाएं दी थी उसकी भरपाई सरकार को वापस कर दो हमें भी कोई शौक नहीं है कि हम आप जैसे ऑडियो का सम्मान करें जो देशद्रोही और गद्दार किसम की गतिविधियों में शामिल हो

योगेंद्र यादव वाला कारनामा कुछ दिन और चला तो कुछ भांड बाहर निकल कर और आएंगे और वह धीरे-धीरे धीरे-धीरे अपनी हैसियत और अपनी औकात का परिचय हिंदुस्तान की जनता को करवाएंगे वह बताएंगे कि किस प्रकार से उनके दिल और दिमाग के अंदर देश के विरोध में चल रहा है बॉलीवुड से दिलजीत सिंह हो या सुशांत सिंह हो या कुछ और भांड क्यों ना हो इन सब के व्यक्तित्व से पर्दा अब लगभग उठ चुका है क्योंकि इन्होंने देश के खिलाफ देश की वर्तमान सरकार के खिलाफ की गतिविधियों को सपोर्ट करने की बात कही उन्होंने उनका सपोर्ट कर दिया लेकिन हिंदुस्तान की जनता के दिल और दिमाग से उतर गए

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