तथाकथित किसानों का भारत बंद आज पूरी तरह फैल रहा। देश की आवाम ने दिखा दिया कि वह असली अन्नदाता किसान के साथ है ना कि चंद व्यापारिक राजनेताओं के साथ। गौरतलब है कि इस बंद को सफल बनाने के लिए लगातार आवाहन किए गए थे कि किसान का साथ दें और आज के दिन देश का चक्का जाम करें मगर खेतों में काम कर रहे असली किसान और खालिस्तान की मांग को खारिज करते हुए देश की अवाम ने दर्शा दिया कि वो भारत माता के साथ है।
भारत बंद, भूख हड़ताल और हिंसक ट्रैक्टर रैली के बाद कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों ने आज चक्काजाम करने का ऐलान किया था, किसानों के इस चक्काजाम का कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने समर्थन किया। हालाँकि ये चक्काजाम सफल नहीं हो सका…सोशल मीडिया पर जगह-जगह से तस्वीरें सामने आ रही है जिससे साबित होता है कि किसानों के समर्थन में लोग सड़क पर उतरने को राजी नहीं हुए, बस गिने-चुने लोग ही आये.
मालूम हो की 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भी किसानों ने कहा था कि हम शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, लेकिन शांतिपूर्ण के बजाय ट्रेक्टर रैली हिंसक हो गई, राष्ट्रीय पर्व पर जिस तरीके से लालकिले पर तिरंगे का अपमान किया गया, उससे देशवासी बहुत दुःखी हुए, शायद यही वजह है कि ज्यादातर लोगों ने चक्काजाम से दूरी बनाई।
आपको बता दें कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसानों ने चक्काजाम नहीं किया था, चूँकि यूपी में हिंसा करने वालों से ही भरपाई करवाती है योगी सरकार, शायद इसीलिए प्रदर्शनकारी पहले ही सतर्क हो गए…किसानों के चक्का जाम को देखते हुए दिल्ली एनसीआर में करीब 50 हजार से अधिक दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री और रिजर्व बलों के जवानों की तैनाती की गई ताकि दोबारा उपद्रव न हो सके।
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