हम कोरोना ओर लोक डाउन में ही उलझे रहे और उधर मोटा भाई ने जम्मू कश्मीर का बचा खुचा काम भी ढंग से निपटा दिया, गृहमंत्री अमित शाह 9 अभूतपूर्व फैसले लेने में लगे हुए थे, इस कोरोना लोकडाउन के बीच
- पांच लाख हिन्दू और सिक्ख परिवार जम्मू कश्मीर के मूल निवासी घोषित किये गये।
- फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा के सभी अनावश्यक भत्ते व अन्य सरकारी सुविधायें समाप्त।
- जम्मू कश्मीर राज्य सरकार का जम्मू और कश्मीर विधि विश्वविद्यालय, अन्य विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थाओं से नियन्त्रण समाप्त।
- जम्मू कश्मीर राज्य सरकार का सभी हिन्दू धार्मिक स्थलों से नियन्त्रण समाप्त।
- कश्मीर घाटी के क्षेत्रीय सक्षम अधिकारी हिन्दू और सिक्खों द्वारा 1990 के दौरान घाटी छोड़ते समय पीछे छोड़ी गयी उनकी सभी संपत्तियों पर अनाधिकृत कब्जों का स्वत: संज्ञान लेकर उन्हें खाली करायेंगे।
- विख्यात गोल्फ कोर्स एवं अन्य सभी क्लब कश्मीर राज्य सरकार के नियन्त्रण से मुक्त।
- सभी शिक्षण संस्थान व विश्वविद्यालय जम्मू कश्मीर के मुख्यमन्त्री के अधिकार क्षेत्र से बाहर।
- जिन अलगाववादियों व राष्ट्र द्रोहियों को सरकारी लाभ या कानूनी सुरक्षा मिली हुई थी वह हटाई गयी। यदि वह नागरिक सुरक्षा अधिनियम 1978 के अन्तर्गत वांछनीय हैं तो अब उनपर जम्मू कश्मीर राज्य के बाहर भी गिरफ्तार करके मुकदमा चलाया जा सकता है।
- वर्तमान परिस्थितियों में सचिवालय श्रीनगर नहीं जायेगा और जम्मू में ही स्थापित रहेगा।
जिन लोगों को गृहमंत्री ढूंढे नहीं मिल रहे थे…!
उन्हें जान लेना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह हमेशा अपने टास्क पर लगे रहते हैं।
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गृह मंत्री के पद पर काफी समय बाद कोई ऐसा व्यक्ति आया है जिसे बीमारी का भी पता है और उसके इलाज का भी और सबसे अधिक उनमें वो अदम्य साहस निर्णय लेने का जो इस पद पर रहते किसी के लिए अपेक्षित है। परिणाम दिखने लगे हैं। शानदार जानकारी सम्पत भाई