जो मुग़ल अपने मुहम्मद साहब पर एक शब्द , एक चित्र बोला बनाया जाने की कीमत हज़ारों लाखों लोगों के क़त्ल करके वसूलते हैं वो दूसरे धर्मों के लिए कितनी नफरत रखते हैं इसका अंदाज़ा।अनुमान तो अब दुनिया को भी हो गया है। लेकिन वही मुग़ल दूसरे धर्मों को विशेषकर भारत में हिन्दू सनातन धर्म को बदनाम करने , प्रताड़ित करने और अपमानित करने के लिए कैसे कैसे षड्यंत्र रचते हैं इसका अंदाज़ा भी अभी सनातन समाज को नहीं है।
कभी नाम बदल कर हिन्दू परिवार की बहु बेटियों को अपने जाल में फंसा कर उनका क़त्ल कर देते हैं तो कभी मज़ारों के नाम पर सड़क ,जमीनों पर कब्जा जमा लेते हैं लेकिन अब तो इन्होंने सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए बहुत ही खतरनाक रास्ता अपनाया है।
कुछ मुग़ल मौलवी जान बूझ कर साजिश के तहत , हिन्दू धर्म ग्रंथों , वेद ,पुराण , उपनिषद, भगवद्गीता आदि का गलत अनुचित अपमानित अनुवाद करके और संस्कृत श्लोकों को बिना समझे बूझे उसका मनमाना अनुवाद कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के हर्फ़ प्रकाशन द्वारा जानबूझ कर इन धर्म ग्रंथों का अनुवाद मुग़ल मौलाना और मौलवियों द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार करवा कर उसे लोगों के बीच बेचा बाँटा जा रहा है। इन अनुवाद में वे संस्कृत के श्लोकों के मूल और वास्तविक अर्थों के प्रतिकूल उन्हें अपमानजनक रूप में समाज के सामने रख रहे हैं।
इन ग्रंथों के अनुवाद में हिन्दुओं को गौ भक्षक , रक्त पिपासु , शक्तिहीन व मिथ्य पूजक और जाने क्या क्या कहा लिखा जा रहा है। इतना ही नहीं हिन्दू देवी देवताओं , उनसे जुड़े तथ्यों , मान्यताओं को भी उपहासात्मक तरीके से लिखा जा रहा है।
इतना ही नहीं , ऐसे अपमानजनक लेखों को , पुस्तक के पन्नों को , और सामग्रियों को सोशल नेट्वर्किंग साइट्स पर गलत नाम और पहचान वाली आई डी से पोस्ट किया जाता है ताकि सनातनी हिन्दुओं को उकसाया जा सके और जिसका परिणाम जातीय दंगों फसाद का कारण बन सके।
केरल के बाद जो प्रदेश सनातन और हिन्दू धर्म के विरोध में खुलकर खड़ा हो गया है वो ममता बनर्जी बंगाल सरकार है जिसकी सरपरस्ती में पिछले 5 -6 वर्षों से ये मुगलिये इस तरह के सैकड़ों षड्यंत्रों को न सिर्फ अंजाम तक पहुंचा रहे हैं बल्कि पुलिस और कानून से भी बचे हुए हैं। धीरे धीरे बढ़ती ये साजिशें समाज के लिए अब नासूर का रूप ले चुकी हैं। ऐसे और इसके साथ खड़े सभी दोषी अपराधियों को दण्डित किया जाना बहुत जरूरी हो गया है अब।
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