ऐसा लग रहा कि बरसों तक सोया हुआ देश अब करवट लेकर जाग उठा है , लोग ,समाज ,सरकार और संस्थाएं सभी अब न सिर्फ सनातन के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए मुखर हो रहे हैं बल्कि हर गलत और अनुचित का पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं।

हाल ही में पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने एक साहसिक फैसला लेते हुए अपने क्षेत्राधिकार में पड़ने वाले और मांस परोसने वाले तमाम रेस्त्रां और होटल आदि को अपने यहां नोटिस चस्पा कर स्पष्ट उल्लेख करने को कहा है कि वे बताएं की परोसा जाने वाला मांस हलाल है या झटका।

मान्यताओं और चलन के अनुसार हिन्दू सिक्ख आदि धर्मों में हलाल मांस के सेवन की अनुमति नहीं है जबकि मुस्लिम मज़हब के लोग हलाल मांस ही खाते हैं।

पूर्वी दिल्ली नगर निगम ,जो इन होटल , रेस्त्रां भोजनालय ,मांस की दुकान के लिए नियम निर्धारित कर लाइसेंस जारी करती है इसके बिना कोई ये सब नहीं खोल और चला सकता।

नगर निगम का कहना है कि 15 दिनों के अंदर इन नियमों का पालन नहीं शुरू करने वालों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

अनुमान के मुताबिक़ इससे पूर्वी दिल्ली के ,लक्ष्मी नगर ,प्रीत विहार ,मयूर विहार ,पटपड़ गंज और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र सीलमपुर आदि में चल रहे 5000 से अधिक होटल व रेस्त्रां पर गाज़ गिरनी तय है।

ज्ञात हो कि , रोजाना उपयोग की जाने वाली बहुत सी खाद्य वस्तुओं में हलाला सर्टिफाई करने वाली मुहर का विरोध भी इसके साथ ही शुरू हो गया है जिसमें हलाला प्रमाणपत्र मार्का जारी करने वाली एक निजी संस्था जबरन बहुत से खाद्य पदार्थों पर हलाल का प्रामाणिक मार्क जारी करने के लिए हज़ारों करोड़ रूपए कमा रही है। देर सवेर ये सारे अवैध काम बंद करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

#चित्र :प्रतीकात्मक है ,गूगल खोज से साभार।

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