लगता है जैसे बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के बीच विवादित बातें बोलने की होड़ लग गई है ,कौन सबसे ज्यादा विवादित बोलेगा? कौन सबसे ज्यादा चर्चा में रहेगा ?इसी कि उन्हें सबसे ज्यादा चिंता है, ना तो उन्हें बिहार के विकास से मतलब है, ना ही उन्हें अपने गठबंधन धर्म की चिंता है।
राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव ने एक सभा में बोलें कि जितने भी ब्राह्मण हैं ,वह रूस से आए हैं । ये सारे के सारे लोग विदेशी हैं ,इन्होंने हमारे समाज को बांटने और तोड़ने का काम किया ।इस देश में यादव जाति ही यहां के मूल निवासी है और इसे ही शासन करने का अधिकार है। डीएनए जांच से पता चला है की ब्राम्हण भारत के नहीं है यह सब के सब विदेशी हैं।
उनके इस बयान के बाद पूरे देश में बवाल मच गया ,जहां उनके इस बयान पर उनके गठबंधन धर्म के सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने भी उनकी कड़ी आलोचना की है ।जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा ने कहा है कि बिना सोचे समझे बोलने की आदत हो गई है राजद के नेताओं में ।यह जानबूझकर समाज में कुछ ना कुछ विवाद कर टीवी में आना चाहते हैं ,इनका मकसद सिर्फ टीवी की खबरों में बने रहने का है। क्या परशुराम भगवान इस देश के निवासी नहीं थे? ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है जदयू के प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा जी ने।
वहीं बीजेपी ने इस पर चुटकी लेते हुए राजद के पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव से पूछा है कि क्या उनके पार्टी के मनोज झा और संजय झा विदेशी हैं ,उन्हें तुरंत अपनी पार्टी से ऐसे विदेशी लोगों को निकाल देना चाहिए ,जितने भी ब्राह्मण उनकी पार्टी में काम कर रहे हैं ,सभी लोग उन्हें तत्काल पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए।
देखा जाए तो राजद के नेताओं का मानसिक संतुलन लगातार बिगड़ गया है, उनके अनर्गल बोलते समाज में विष घोलने का काम किया जाता रहा है ।वे लगातार हिंदुओं को तोड़ने का काम करते हैं ताकि बिहार में मुस्लिम यादव समीकरण के सहारे सरकार बनाने में कामयाब हो पाए। इसके लिए यादवों को लगातार हिंदू धर्म के खिलाफ भड़का आते हैं और उन्हें हिंदू धर्म में ब्राह्मणों के खिलाफ कार्य करने के लिए उकसाते हैं ,इसके पूर्व भी बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर यादव
ने भी रामायण के ऊपर गलत टिप्पणी की थी, तो कभी हिंदू धर्म के ऊपर गलत टीका टिप्पणी करते रहते हैं ।ऐसे मामलों में भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लगातार खामोश रहना अनुचित लगता है।
एक तरफ नीतीश कुमार विपक्ष के सारे नेताओं से मिलते रहते हैं ,और विपक्ष को एक साथ लाने की मुहिम चला रहे हैं, वहीं उनके गठबंधन दल से राजद के पूर्व विधायक सब अनर्गल बयानबाजी कर समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। ऐसे में ना तो नीतीश कुमार सफल हो पाएंगे ,ना ही राजद जदयू का यह बेमेल गठबंधन बिहार में सरकार बना पाएगा। बाकी जो है सो हाई है।
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