लोकसभा चुनाव की तैयारियों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक गोपनीय बैठक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह एवं देश के दोनों कानून मंत्रियों से जो कि वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे उनके साथ ली ,मसौदा था यूसीसी का अर्थात समान नागरिक आचार संहिता कानून का।
देश में पहला राज्य होगा उत्तराखंड जहां यूसीसी को ट्रायल बेसिस के लागू किया जाएगा, मसौदा है की यहां पर ट्राई करके देखा जाए कि, किस तरह यह कानून काम करती है ?लोगों की प्रतिक्रिया क्या होती है? लोग क्या चाहते हैं? और कानून का मसौदा किस तरह का होना चाहिए?
पर सवाल तो यह है क्या कि उत्तराखंड को ही क्यों चुना गया?
*अल्पसंख्यकों की आबादी काफी कम है, जिनमे ईसाई और मुस्लिम दोनों शामिल हैं।
*दिल्ली से सटे होने के कारण केंद्र की नजर हमेशा बना रहेगा।
*पहाड़ी प्रदेश होने के कारण जनजातीय, हिंदू ,आदिवासी विभिन्न तरह के संस्कृति है, विरासत है, नियम है ,वह सब यहां एक साथ मिल जाते हैं।
*उत्तराखंड काफी शांत प्रदेश माना जाता है, जहां धरने प्रदर्शन भी काफी कम होते हैं ,विरोध प्रदर्शन काफी कम देखने सुनने को मिलती है।
समान नागरिक आचार संगीता कानून बीजेपी के घोषणापत्र में एक प्रमुख वादे के रूप में जाना जाता है और बीजेपी को एक ऐसी पार्टी के रूप में देखा जाता है जो अपने चुनावी वादे जरूर पूरा करती है, चाहे वह राम मंदिर का हो, चाहे धारा 370 हटाने का हो, यह अब समान नागरिक आचार संगीता कानून का बीते 27 जून को प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा भोपाल में दिए गए भाषण के बाद विशेष संकेत माना जा रहा है कि उत्तराखंड के साथ-साथ मानसून सत्र में केंद्र में भी इस कानून को लाया जा सकता है और पूरे राष्ट्र भर में से लागू किया जा सकता है।
2 महीना पूर्व सभी नागरिक समूहों से सिविल सोसाइटी से विधि विशेषज्ञों से राय मांगी गई थी।
उत्तराखंड मॉडल के साथ इसका ट्रायल होगा और उसके बाद पूरे देश भर में से लागू किया जाएगा और एक देश “एक विधान एक संविधान “के लक्ष्य को पूरा किया जायेगा। उत्तराखंड में बीजेपी की बहुमत की सरकार है इसलिए उत्तराखंड से बेहतर बीजेपी के पास कोई विकल्प भी नहीं था जहां समान नागरिक आचार संहिता को लागू कर करोड़ देशवासियों के सपने को साकार किया जा सके।
जोहार
सुमन सौरभ

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.