फ्रांस दंगों की आग में जल रहा है. कई शहर गृहयुद्ध के कगार पर पहुंच गए हैं. दरअसल पेरिस के पास पुलिस के हाथों 17 साल के लड़के नाहेल एम की मौत के बाद वहां प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस को दंगों की आग में झोंक दिया है. जिसके बाद यूरोप के कई अन्य देशों को भी यह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. फ़्रांस में जो हो रहा है उसने पूरी दुनिया को डरा दिया है. लेकिन बार-बार सवाल उठ रहा है कि क्या शरणार्थी पूरे यूरोप के लिये मुसीबत बन गये हैं? यूरोप के देशों पर अपनी immigration policy बदलने का दबाव बढ़ता जा रहा है?
दरअसल देखा जाए तो आज जो फ्रांस की हालत है उसके लिए कुछ हद तक वो खुद भी जिम्मेदार है क्योंकि जब आप अपने घर में एक सांप को आमंत्रित करते हैं, तो आप जहर के अलावा और क्या उम्मीद कर सकते हैं? सवाल ये भी उठता है कि बार-बार इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा इस तरह की हरकतें किए जाने के बावजूद फ्रांस ने विदेशी घुसपैठियों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे। इतना ही नहीं, इमैनुएल मैक्रों की बतौर राष्ट्रपति पहली जीत को लिबरलों की जीत बताया गया था।
फ्रांस में हो रहे दंगों के बीच भारत को भी ये समझना होगा कि हमारे यहां भी शरणार्थियों की संख्या कम नहीं है. आपको बता दें भारत में जब रोहिंग्या आ रहे थे तब उन्हें शरण देने को लेकर कई पार्टियों ने पक्ष लिया था. आज फ्रांस का उदाहरण आपके सामने है जिन शरणार्थियों के लिए फ्रांस ने अपने देश के दरवाजे खोले उन्हीं आततायियों ने फ़्रांस को तबाह करना शुरू कर दिया .
ये बात आपको मालूम होनी चाहिए कि फ्रांस दुनिया के सबसे शांत और खुले विचारों वाला देश माना जाता है. फ्रांस को मल्टीकल्चरल फ्रांस कहा जाता है। 2022 में बांग्लादेश, अफगानिस्तान और तुर्की से आए हुए लाखों शरणार्थियों को फ्रांस ने अपने देश में शरण दी थी, लेकिन आज फ्रांस को उसके उदारता का पुरस्कार मिल रहा है। फ्रांस में जारी हिंसा इस बात को दर्शाती है कि यूरोप का उदारवाद असफल हो गया है और अब भी वहां की सरकार नहीं संभलती है तो ऐसी घटना यूरोप के तमाम शहरों में हो सकती है।
आखिर में जलते हुए फ्रांस के बीच एक सवाल जो पूछना जरुरी है कि क्यों फ्रांस एक 17 साल के लड़के के मरने पर जल रहा है जबकि भारत में रोज हिंदू लड़कियां और कन्हैयालाल जैसे लोग कटते रहते हैं लेकिन ना तो कहीं कुछ जला ना ही दंगे हुए? सोचिएगा
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.