कृषि कानून को लेकर  जमीन पर चल रहा राजनीतिक घमासान अब लाठी-डंडों में भी तब्दील होता दिख रहा है । केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में एक शोकसभा में पहुंचे थे, वहां मौजूद RLD कार्यकर्ताओं ने किसान यूनियन जिंदाबाद के नारे लगा दिए…इसके बाद संजीव बालियान के समर्थको ने इसका विरोध किया और दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। 

मारपीट के बाद सोरम पंचायत पर RLD और भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने पंचायत की और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज की मांग की.RLD की तरफ से सरकार पर निशाना साधा गया. आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने इसे सरकार की गुंडागर्दी बताया. जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, ”सोरम गांव में बीजेपी नेताओं और किसानों के बीच संघर्ष, कई लोग घायल! किसान के पक्ष में बात नहीं होती तो कम से कम, व्यवहार तो अच्छा रखो. किसान की इज़्ज़त तो करो! इब कानूनों के फायदे बताने जा रहे सरकार के नुमाइंदों की गुंडागर्दी बर्दाश्त करेंगे गांववाले?”

केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा, “आज जब सोरम में स्वर्गीय श्री राजबीर सिंह जी की शोकसभा एवं रस्म पगड़ी में शामिल हुआ, इस दौरान लोकदल के 5-6 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बदतमीजी तथा गाली गलौज की। जिस पर स्थानीय निवासियों ने उन्हें ऐसा करने को मना किया तथा वहाँ से भगा दिया। लोकदल पार्टी जिस तरह से किसानों की आड़ में आपसी भाईचारा खराब करने का प्रयास किया वह निंदनीय है।”

यह जो आपसी भिड़ंत हुई इसमें एक तरफ बीजेपी के कार्यकर्ता थे तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ता मगर मीडिया ने सच्चाई को इकतरफा दिखाते हुए राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं की जगह वहां किसान लिख दिया, ताकि दंगे की आग को भड़काया जा सके। आखिर ये बिकाऊ वामपंथी मीडिया किसके इशारे पर इतना खतरनाक खेल खेल रहे हैं, ये गहन जांच का विषय है।

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