किस तरह से किसी भी बात को , किसी नए सुधार ,नए कानून के फायदे नुकसान , परिणाम प्रभाव का आकलन और विश्लेषण किये बिना सिर्फ आशंकाओं और अनुमान को आधार बना कर देश तो देश विदेशों में भी कुछ विशेष एजेन्डाधारियों द्वारा न सिर्फ अराजकता और उपद्रव करने की कोशिश की जा रही है बल्कि , इन सबसे बार बार देश और दुनिया में भाजपा और मोदी सरकार को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास भी किया जा रहा है ये अब किसी से छुपा नहीं है।
किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली सीमा पर अपने अपने झंडे और एजेंडे के साथ खड़े , अलाव ताप रहे ,पकौड़े छोले भटूरे खाकर मीडिया बाइट्स दे रहे ये तमाम लोग सब कुछ दिख रहे हैं सिवाय उस किसान के जो देश की आत्मा और संचार का वाहक रहा है। इनके कुछ साथियों ने ऐसे ही मंसूबों के साथ ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के सामने ऐसा कुछ करने का फैसला किया , और वहाँ भी भीड़ लगा कर पोस्टर जलाने की ,भारत विरोधी नारे लगाने की कोशिश की।
मगर ये उन पर तब भारी पड़ गया जब ब्रितानी पुलिस ने कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन करने के आरोप में पहले इनकी ठुकाई कर दी फिर दर्जनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
पुलिस ने कहा कि ,कोरोना प्रोटोकॉल के लागू होने के बावजूद भी इन प्रदर्शनकारियों को एक सीमित संख्या में एकत्रित होने और एक कार रैली आयोजित करने की इजाजत दी गई थी। मगर ये लोग आदतन न सिर्फ बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए बल्कि सड़कों पर पोस्टर जलाने लगे , हज़ारों कारें भारतीय उच्चायोग के सामने खड़ी करके सड़क और ट्रैफिक में बाधा डालने लगे।
इससे नाराज़ होकर और विवश होकर ब्रिटेन पुलिस ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को उठा कर जेल में डाल दिया जहां ,कुछ को तो छोड़ दिया गया मगर बाकियों को पूरी रात जेल में बितानी पड़ी। इन सब पर कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने के अपराध का मुकदमा चलाया जाएगा।
कल्पना करिये कि , भारत में ऐसा करने के बारे में सरकार , वो भी वो सरकार जो अब तक पाँच बार उन्हें बातचीत के लिए बुला चुकी है यदि विवश होकर ऐसा कोई कठोर कदम उठाए तो इसकी आड़ में उसे कितना दमनकारी ,किसानों का दुश्मन आदि जाने क्या क्या और कितना कोसा जाएगा ??
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