असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने जब से सीएम की कुर्सी संभाली है तभी से वे पूरे एक्शन मोड में हैं. खास तौर से राज्य की सुरक्षा से संबंधित सभी मामलों में वे खुद एक्टिव दिखते हैं. वहीं दूसरी तरफ वे लगातार योगी मॉडल को भी फॉलो करते नजर आ रहे हैं। वे सीएम योगी के ही अंदाज में असम में अवैध मदरसों पर कार्रवाई कर रहे हैं।

दरअसल असम में मदरसे की आड़ में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के मामले लागातार सामने आ रहे है. इसी कड़ी में जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के दो बांग्लादेशी सदस्यों को चार साल तक पनाह देने वाले शेखुल हिंद महमूदुल हसन जमीउल हुदा नाम के एक मदरसे को जिला प्रशासन ने सोमवार को ध्वस्त कर दिया.

बरपेटा के एसपी अमिताभ सिन्हा ने कहा, ‘चूंकि यह मदरसा सरकारी जमीन पर बनाया गया था, इसलिए बरपेटा जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए बेदखली अभियान में इसे ध्वस्त कर दिया गया. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.’ सिन्हा ने कहा कि मार्च में मोहम्मद सुमन की गिरफ्तारी के बाद बरपेटा के ढकलियापारा में मदरसा ‘शैखुल हिंद मदमुदल हसन जमीउल हुदा इस्लामिक एकेडमी’ के संकाय सदस्यों की राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ संलिप्तता का पता चला था.

वहीं अतिरिक्त उपायुक्त लचित कुमार दास के मुताबिक, “यह मदरसे देश विरोधी गतिविधियों, जिहादी संगठनों में शामिल है। जांच में सामने आया आया है कि ये मदरसा सरकारी जमीन पर बनाया गया है और इसका कोई मालिक नहीं नहीं। इसलिए हमने इसे तुरंत ध्वस्त करने का फैसला किया।”

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बारपेटा जिले से दो संदिग्ध आतंकियों के गिरफ्तार होने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, “यह दूसरा मदरसा है, जिसे हमने ध्वस्त किया। क्योंकि वे एक संस्था के रूप में नहीं चल रहे थे, बल्कि एक आतंकवादी केंद्र के रूप में चल रहे थे। मैं सामान्यीकरण नहीं करना चाहता, लेकिन जब कट्टरवाद की शिकायत आती है तो हम जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं।” मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा कि मदरसों में पढ़ाई-लिखाई नहीं होती थी. जांच में पता चला है कि मदरसे में अल कायदा का ट्रेनिंग कैंप चल रहा था. असम में अब तक ऐसे दो मदरसों को गिराया जा चुका है.

आपको बता दें कि सरमा ने पहले ही मदरसों पर अपना स्टैंड रखते हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि जब तक मदरसे रहेंगे तब तक मुस्लिमों के बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर बनने के बारे में नहीं सोच पाएंगे.

पुलिस ने बारपेटा जिले से जिन दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान अकबर अली और अबुल कलाम आजाद के रूप में की गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इनका कनेक्शन आतंकी ग्रुप अलकायदा (AQIS) और ‘अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT)’ से है। दरअसल असम में हाल ही में दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है, जो दो अलग-अलग मस्जिद के इमाम के रूप में अलकायदा के लिए काम कर रहे थे।

वहीं बीते 26 अगस्त को पुलिस ने असम के बोंगाईगांव जिले से एक और संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया था। शुरुआती जांच में इस आतंकी का संबंध भी अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़ा पाया गया है। फिलहाल यह आतंकी पुलिस हिरासत में है, जहां इससे कड़ी पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी की पहचान हाफिजुर रहमान मुफ्ती के रूप में हुई है। हाफिजुर इलाके के एक मदरसे में पढ़ाता है।

असम सरकार लगातार अवैध रूप से चल रहे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। असम सरकार की तरफ से साल 2020 में मदरसों को अनुदान देना बंद हो चुका था। इस निर्णय के बाद से राज्य में अब तक करीब 800 मदरसे बंद हो गए थे। लेकिन एक हजार निजी मदरसों का संचालन अभी भी हो रहा है.

 

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