आज किस तरह से बच्चों और उनके अभिभावकों को टॉप कराने के सपने कोचिंग संस्थान वाले दिखाते हैं ये किसी से छिपी नहीं है. कोचिंग माफियाओं ने बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक में अपना एक नेक्सस फैला लिया है जिसके जरिये वे उन बच्चों को अपने लिये इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकते और भोले-भाले बच्चे इनके जाल में फंस जाते हैं.
दरअसल देश में अग्निपथ योजना को लेकर जिस तरह से छात्र सड़क पर उतरकर सरकार पर हिंसा के जरिये दबाव बना रहे है उसके लिए भी उन्हें ट्रेनिंग ऐसे ही कुछ कोचिंग संस्थानों में दी गई है जो पैसा बनाने के चक्कर में बच्चों की जिंदगी को हिंसा की आग में झोंकने से भी बाज नहीं आते. कुछ यही हाल है बिहार का जहां के कोचिंग माफिया बच्चों को पढ़ाने की आड़ में सरकार और सरकार की योजना के खिलाफ साजिश की ट्रेनिंग देते हैं.
अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसात्मक प्रदर्शन में बिहार के कई कोचिंग सेंटर्स के नाम सामने आ रहे हैं . इनमें से एक कोचिंग संचालक गुरु रहमान के कोचिंग सेंटर और आवास पर पटना पुलिस और आईटी टीम ने छापेमारी की है. अग्निपथ के खिलाफ कथित रूप से छात्रों को भड़काने के आरोप में कोचिंग संचालक और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले शिक्षक एम. रहमान के घर और संस्थान में सोमवार की दोपहर पटना पुलिस ने ये कार्रवाई की है लेकिन छापेमारी के दौरान गुरु रहमान पुलिस को नहीं मिले.
Bihar | "I was opposing #Agnipath because children throughout the country were opposing it as neither anyone understood what the scheme is nor anyone tried explaining it. But I have always appealed for non-violence…," said Danapur violence accused Guru Rahman pic.twitter.com/OJVsEcW4Ps
— ANI (@ANI) June 20, 2022
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पटना से सटे दानापुर में बवाल के दौरान कुछ उपद्रवी लड़के पकड़े गये थे. उनके मोबाइल में वीडियो मिले थे. उसमें रहमान केंद्र सरकार की योजना अग्निपथ पर ट्रेन रोकने और गांधी मैदान से प्रगति मैदान तक आंदोलन करने की बात करते दिख रहे हैं. ऐसे बयानों से अभ्यर्थी आक्रोशित होकर बवाल और तोड़फोड़ करने लगे. छापेमारी के दौरान पुलिस को कई कागजात मिले हैं जिसकी जांच चल रही है. साथ ही दानापुर में हिंसक प्रदर्शन के बाद मिले एक वीडियो के आधार पर गुरु रहमान के खिलाफ दानापुर में केस दर्ज किया गया था.
आपको याद होगा इसी साल जनवरी के महीने में ही रेलवे भर्ती को लेकर जो नियम बदले गए थे तो इन्हीं कोचिंग सेंटर्स पर बिहार में हिंसा भड़काने के आरोप लगे थे. बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रही हिंसा हकीकत में बिहार के कोचिंग माफियाओं की कुंठा है जो अपने सोने की अंडा देने वाली मुर्गियों को अपने हाथ से फिसलता देख बिलबिला उठी है ।
दरअसल बिहार अकेला ऐसा राज्य नहीं है, जहां इन हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कोचिंग सेंटर्स की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहा है. छात्रों को बरगलाओ, भड़काओ, उकसाओ और फिर आग लगवाओ, कोचिंग माफियाओं ने इसे ही अपना मॉडल बना लिया है। अब अग्निपथ स्कीम के नाम पर इन कोचिंग माफियाओं ने छात्रों को उकसाकर देश को फिर एक बार हिंसा की आग में झोंक दिया।
देखा जाए तो अग्निपथ स्कीम से सबसे ज्यादा नुकसान कोचिंग माफिया को ही होने वाला है। छात्रों से परीक्षा क्लियर कराने और नोट्स के नाम पर यह कोचिंग माफिया मोटी कमाई करते हैं और सरकार की इन योजनाओं के जरिये अगर कम उम्र में ही युवा सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने लगेंगे, तो इन कोचिंग माफियाओं के सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ जाएंगे और इनका धंधा चौपट हो जाएगा . इसलिए युवाओं के बीच अफवाह और भ्रम फैलाकर देश को हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश कुछ ऐसे ही कोचिंग माफिया कर रहे हैं।
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