देश के अलग-अलग राज्यों में धर्मांतरण के हैरान करने वाले मामले सामने आते जा रहे हैं, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और कश्मीर में जिस तरह लड़कियों को डरा-धमकाकर,  बहलाकर , लालच देकर उनके धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है , उससे देश में डर का माहौल पैदा होता जा रहा है .

लेकिन इस बीच कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान में गहलोत सरकार अलग ही खेल खेलने में मशगूल है. दरअसल राजस्थान में जबरन या लालच देकर धर्मांतरण के खिलाफ मुहिम चलाने वालों के खिलाफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार पड़ गई है। हिंदुओं की मदद के लिए आगे आने वाली आवाज को ना सिर्फ दबाया जा रहा है बल्कि उन्हें हर तरह से परेशान भी किया जा रहा है . ट्विटर हैंडल @noconversion और सोशल मीडिया अकाउंट समर्थकों में से एक, मुंबई की महिला भवी सिंह को जयपुर पुलिस ने @noconversion द्वारा संचालित टेलीग्राम समूह का एडमिन होने की वजह से परेशान किया गया .  भवी सिंह को ना सिर्फ पुलिस ने जयपुर बुलाकर पूछताछ की, बल्कि उनके बार बार अपने दो बच्चों को छोड़कर मुंबई से दिल्ली आने की बात पर भी पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी.

दरअसल मामला सोनिया गांधी पर एक मीम से जुड़ा है। जिसमें उनके पीछे एक किताब का नाम है “भारत को ईसाई राष्ट्र कैसे बनाएं ” भवी सिंह ने बताया कि उन्होंने मीम को कभी नहीं बनाया, ना ही साझा या लाइक किया। फिर भी 20 जून को उससे बेवजह पूछताछ की गई। जयपुर पुलिस के साथ सहयोग करने और डेटा साझा करने के बावजूद, उन्हें अपने 2 बच्चों को अकेला छोड़कर जयपुर आने के लिए कहा गया है।

जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो जयपुर पुलिस ने धमकी दी कि अगर वे खुद नहीं आई तो उन्हें गिरफ्तार करके लाया जाएगा . लीगल संस्था लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी ने भवी सिंह को अवैध रूप से घंटों तक थाने में रखने और इस प्रक्रिया में उनके बच्चों को उनसे दूर रखने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण कमीशन में शिकायत दर्ज कराई है। विशेष रूप से जबकि मीम फैलाने में उनके खिलाफ आरोप झूठे साबित हुए।

दरअसल राजस्थान की कांग्रेस सरकार हिंदू कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने की कोशिश में लगातार जुटी हुई है. देखा जाए तो कांगेस खुद अप्रत्यक्ष रूप से इस्लामीकरण का समर्थन करती है।

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