एक कहावत तो सुनी होगी आपने, आ बैल मुझे मार! कांग्रेस के युवराज पर ये कहावत बिलकुल फिट बैठती है। राहुल गांधी के हालिया बयान “15 मिनट मे चीन को भगाएँगे” सुन कर मन ये सोचने पर विवश हो गया की ये बार बार ऐसे मुद्दे ही क्यूँ उठाते हैं जिसके कारण कांग्रेस के विगत 60 वर्षों के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुल जाये?
नाना, दादी, मम्मी ने तो किश्तों मे चीन को भूमि दी है, इन्हें मौका मिला तो ये 15 मिनट मे ना जाने क्या क्या चीन को दे आएंगे।
तिब्बत के एक बड़े हिस्से को चीन को दान देने के बाद भी अपने 60 वर्षों के शाशनकाल मे कांग्रेस चुपचाप चीन को हमारी भूमि मे अतिक्रमण करने की अनुमति दी। क्या कोई मीडिया इस मुद्दे को उठाएगी?
- Aksai Chin:1962 मे अकसाई चिन पर चीन को कब्जा दिया
- Karakoram Pass: 1963 मे काराकोरम दर्रा चीन को कब्जा दिया
- Tia Pangnak: 2008 मे तिया पंगनाक पर चीन को कब्जा दिया
- Chabji Valley:2008 मे चाबजी घाटी भी चीन को कब्जाने दिया गया
- Doom Cheley: 2009 मे डूम चेलेय चीन को थमा दिया गया
- Demzok: 2012 मे डेमजोक चीन को गिफ्ट किया
- Raki Nula: 2013 मे राकी नुला पर चीन को कब्जा दिया
- इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र पर भी चीन को बांध बनाने दिया।
लेकिन 2014 से समय बदला, एक नए भारत का अभ्युदय हुआ। सेना को अधिकार दिये गए, आधुनिक सैन्य हथियार प्रदान किए गए और हम चीन को मुंहतोड़ जवाब देते रहे। बस यही बात ना तो काँग्रेस को और ना ही वामपंथी मीडिया को पच रही:
- Doklam: 2017 मे डोकलाम मे चीन को पीछे हटना पड़ा
- Lipulekh: 2020 मे लीपुलेख पर चीन ने मात खाई
- Pangong Tso: 2020 मे पैनगोंग मे चीन को पीछे हटना पड़ा
- Galwan Valley: और 2020 मे ही तमाम कोशिशों के बाद चीन को हारा
युवराज की विगत 100 ट्वीट पढ़ें लगभग 60% ट्वीट मे इन्होने चीन का अपरोक्ष समर्थन किया एवं हमारी सेना के मनोबल को तोड़ने की कोशिश की। एक तरफ चीन भारत सरकार एवं सेना के विरुद्ध जहर उगलता रहा वहीं पूरी कांग्रेस लगी हुई वामपंथियों द्वारा फैलाई फर्जी खबरों को फैलाने मे। चीन और भारत का विपक्ष दोनों ने ही भारत सरकार के विरुद्ध बोला एवं सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश की। और अचानक आज ये बात कर रहे 15 मिनट मे चीन को भगाने की?
देश मे भारत और सनातन विरोधी ताक़तें एक बार फिर अपना सर उठा रहीं, सावधान रहें, एकता बनाए रक्खें ताकि इनके मंसूबे पूरे ना हो सकें।
जय हिन्द!
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