कभी अंग्रेजों ने जेंटलमेन खेल कहते बताते हुए भारत को हॉकी से क्रिकेट की तरफ मोड़ दिया था और तब से लेकर आज तक क्रिकेट के प्रति भारतीय बल्कि एशिया के देशों की दीवानगी किसी से छुपी नहीं है।
किन्तु किसी ने कभी कल्पना नहीं की होगी कि कभी अंग्रेजों द्वारा भारत और दुनिया में लाए गए इस खेल में नए नए प्रयोग से इसे और भी गति और प्रसार देने में खुद भारत इतना आगे निकल जाएगा कि पूरी दुनिया उसके पीछे हो लेगी। ये तो हुई अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल की बात। अब ज़रा स्थानीय स्तर पर जो भी हो रहा है उसकी बानगी भी एक बार देख ही ली जाए।
भोपाल में महर्षि महेश योगी की 104 वीं जयन्ती पर आयोजित एक क्रिकेट टूर्नामेंट में सभी खिलाड़ियों और अम्पायर तक ने हिन्दुओं के पारम्परिक परिधान धोती कुर्ते को ही आधिकारिक रूप से मैच का गणवेश निर्धारित करके पूरा क्रिकेट मैच खेला , जो न सिर्फ स्थानीय लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय रहा बल्कि इस प्रयोग की सरहाना पूरे देश भर में की गई।
इतना ही नहीं , इससे भी सुखद प्रयोग रहा -पूरे मैच के दौरान संस्कृत में क्रिकेट मैच की कमेंट्री किया जाना। इसके लिए बुलाए गए संस्कृत के प्राध्यापक महोदय ने काफी पहले से इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया कि शब्दावली अलग होने के कारण ये कार्य काफी चुनौतीपूर्ण था किन्तु संस्कृत विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है इसलिए समाधान मिल गया।
इस अभिनव प्रयोग से उत्साहित क्रिकेट प्रतियोगिता मैच के आयोजकों ने अगले वर्षों में इसे और अधिक रोचक बनाने और सनातन भारत हिंदुत्व से जोड़ने की बात कही है। सच में ही ये देश अब बदल रहा है।
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.