उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और जैसा कि ये सर्वविदित है कि , बिहार ,बंगाल उत्तर प्रदेश सरीखे राज्यों में विधानसभा चुनाव हों या पंचायत चुनाव -साम , दाम ,दंड भेद और यदि इनके अलावा भी कुछ दाँव पेंच , छल प्रपंच होते हैं तो वे सभी इन चुनावों में लगाए भिड़ाए जाते हैं। हालांकि पिछले दिनों तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने अपने ही राज्य के सैकड़ों लोगों को सिर्फ इसलिए प्रताड़ित होने दिया क्यूंकि सत्ता को संदेह था कि वे लोग उनके साथ नहीं थे और ये एक नई वीभत्स परिपाटी भी शुरू की गई। लेकिन उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव कई मायनों में विशिष्ट हो जाते हैं और इस बार तो और भी अधिक ख़ास होने जा रहे हैं।
और इसका सबसे बड़ा कारण हैं -खुद उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। इसमें अब कोई संदेह नहीं कि अपने कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक सेवा , राजनीति , सत्ता और प्रदेश के मुखिया के रूप में अपने दायित्व निर्वहन के जो मापदंड स्थापित कर दिए हैं , उसी की बदौलत आज योगी आदित्यनाथ भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों में न सिर्फ अग्रणी स्थान पर हैं बल्कि अमेरिका आस्ट्रेलिया , फ्रांस तक कई बार योगी आदित्यनाथ प्रशासन की तारीफों के पुल बाँध चुका है। इतना ही नहीं लोगबाग भविष्य में यदि पूरे भारत के नेतृत्वकर्ता के रूप में योगी आदित्यनाथ को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं तो वो भी अतिश्योक्ति नहीं है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने पूरे कार्यकाल में अनथक परिश्रम , दृढ़ फैसले , अपराध , माफिया , गुंडागर्दी , की रोकथाम , प्रदेश को नासूर की तरह ख़त्म करने वाले और राजनैतिक संरक्षण में चलने वाले तमाम भ्रष्टाचार और उनके अगुआओं को समुचित दंड की व्यवस्था , कोरोना काल जैसे अभूतपूर्व और बेहद कठिन समय में भी स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों का कुशल संचालन आदि कार्यों की एक लम्बी सूची अपनी उपलब्धियों के रूप में जनता के सामने रख सकती है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में दंगे फसाद करने का प्रयास हो या फिर सभी विरोधी राजनैतिक दलों द्वारा धरनों प्रदर्शन से राज्य की कानून व्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास , इन सबसे जितनी सख्ती और दृढ़ता से योगी सरकार निपटी उसकी भूरि भूरि प्रशंसा अमेरिकी सरकार तक ने की तो वहीँ आस्ट्रेलिया और फ्रांस ने , कोरोना काल में योगी सरकार की तत्परता और कोरोना से निपटने के प्रयासों पर टिप्पणी की , कि काश उनके यहाँ भी ऐसे प्रशासक होते। बड़े बड़े भू माफियाओं , भ्रष्टाचारियों की हालत तो योगी सरकार में ऐसी हो गई कि , मुख्तार अंसारी जैसा बाहुबली भी प्रदेश में आने से डरने लगा , विकास दूबे जैसे कई दुर्दांत अपनी जाना से हाथ धो बैठे इतना ही नहीं राजनैतिक संरक्षण में भ्रष्टाचार और भूमि पर कब्जा करने वाले आजम खान जैसे कई अपराधी पूरी तरह से कंगाल और बर्बाद हो गए।
योगी सरकार ने जहां श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में कोई कोर कसर नहीं रख छोड़ी वहीं उन्होंने एक के बाद एक एक्सप्रेस वे तथा मेट्रो पथ निर्माण में भी लगातार काम किया। गंगा के घाटों की सफाई और सौंदर्यीकरण हो या फिर विदेश आक्रांताओं के नाम पर रखे गए शहर ,कस्बों के नाम को भारतीय देशज नामों में परिवर्तित करने का , योगी सरकार हर क्षेत्र में उसी विशवास और योजनाबद्ध रूप से कार्य करती चली आ रही है।
और यही कारण है कि , राज्य में आज , कांग्रेस , समाजवादी पार्टी , बहुजन समाजवादी पार्टी , भीम सेना , आदि तमाम दलों की राजनीति बिलकुल शून्य हो कर रह गई है। अपने अपने स्वार्थ , लालच , मौकापरस्ती के बोझ तले और सिर्फ एक परिवार के इर्द गिर्द घूमने वाले ये सभी राजनैतिक दल , भाजपा कर योगी सरकार को हारने के लिए तरह तरह के हथकण्डे अपनाने से बाज नहीं आते हैं और इस चुनाव में भी यही सब करने को तैयार बैठे हैं।
लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता और वोटर ये बहुत अच्छी तरह से समझ चुके हैं कि , इनसे कहीं अधिक पढ़ी लिखी ज़हीन दिल्ली ने मुफ्त बिजली पानी बस के चक्कर में अपने लिए एक ऐसे नेतृत्व को चुन लिया जिसका खामियाज़ा उसे बार बार हर थोड़े दिनों में भुगतना पड़ रहा है और एक तरफ जहाँ योगी आदित्यनाथ हर छोटे बड़े मोर्चे पर खुद खड़े हो कर जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं वहीँ दिल्ली के मुख्यमंत्री ठीक उस समय जब उनकी जरूरत होती है वो वहां मिलते ही नहीं हैं।
इसलिए , प्रिय उत्तर प्रदेश – आपके मुखिया -योगी आदित्यनाथ ही होंगे , ऐसा हमें विश्वास है और वही हों -ऐसा आपका प्रयास हो। जय श्री राम। जय हिन्द
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