क्रेटा का टूल किट लीक होने के बाद पूरे देश को इन फर्जी किसानों की असलियत का पता चल गया, सरकार के पास अब प्रमाण भी है और उसे ये भी पता है कि इन फर्जी किसानों का मकसद क्या है, पर फिर भी सरकार बहुत धैर्य और संयम से काम कर रही है तो सिर्फ इसलिए ताकि इन दुष्टों के कारण असली किसान को कोई तकलीफ न पहुंचे। इसी बीच अपने नए भाषण में राकेश टिकैत ने एक बहुत बड़ी और गंभीर बात कही जिसपर हम सबको ध्यान देना चाहिए। टिकैत ने भाषण देते हुए कहा कि यदि सरकार इन तीनों कानूनों को वापस नही लेती तो हम अपनी फसलें जलायेंगे।

ट्वीट जो टिकैत की मंशा स्पष्ट करता है।

फसल जलाने की ये बात भले ही उसका बड़बोलापन लगे पर सत्य ये है कि वो 26 जनवरी को जो कर चुके हैं उस से उनकी नियत बिल्कुल स्पष्ट है, सरकार को इस विषय को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि भगवान न करे अगर इन फर्जी किसानों ने ऐसा षड्यंत्र रचा है और उसका क्रियान्वयन कर देते हैं तो न केवल लाखों बेकसूर किसान बर्बाद हो जायेंगे बल्कि देश मे अनाज की भारी किल्लत हो जाएगी। गेहूं और सरसों की फसल अगले कुछ हफ्तों में तैयार हो जाएगी, गेहूं की तैयार फसल अत्यंत ज्वलनशील होती है और एक बार इसमे आग लग जाये तो केवल एक खेत तक सीमित नही रहती। ऐसे में इस आग पर काबू पाना लगभग असंभव होगा और ये आग केवल खेतों तक सीमित नही रहेगी बल्कि इस से जंगलों और गावों, शहरों तक को भयानक नुकसान होगा, लाखों जानें जा सकती हैं, केवल इतना ही नही खेतों में कोई CCTV नही होता अतः आग किसने, कब लगाई कुछ पता नही चलेगा।

26 जनवरी को हुए उत्पात के विषय मे भी मैंने आगाह किया था और वही हुआ जिसका मुझे अंदेशा था बल्कि ये कहिए कि उस से भी बुरा हो सकता था पर धन्य है दिल्ली पुलिस और सेना जिसने संयम से काम लिया, अब जिस षड्यंत्र का खुलासा अनजाने में टिकैत के मुंह से हुआ है उसपर सरकार को गंभीर कदम उठाने होंगे अन्यथा ये इस कालखंड की सबसे भयानक त्रासदी साबित होगी। विदेशी ताकतों के हाथों का खून खिलौना बन चुके टिकैत के लिए ये कोई बड़ा काम नही रहा।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.