बंगाल के ही माटी से जब स्वतंत्रता संग्राम में सुभाष जी ने देश को आवाज़ दी – “तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा तो सम्पूर्ण देशवासी जोश से भर उठे थे ! बात देश की स्मिता की थी , लोग अपना जीवन  देने  को  तैयार हो गए थे ! लेकिन उसी बंगाल में आज ममता बनर्जी का नारा  तो  वही  है  लेकिन उसके  मायने  बदल  गए हैं ! अब ममता बनर्जी जब तक  हिन्दुओं का खून नहीं पी लेती  शारीरिक  और  मानसिक  रूप से अस्वस्थ महसूस करती हैं ! ममता अब ,”मां , मांटी , मानुष”, के बदले में कहती हैं — मुझे  हिन्दुओं  का  खून  दो और  मैं तुम्हें आज़ादी दूंगी ! रोहिग्या शरणार्थियों के प्रति  अगाध  प्रेम  और  पुजारी , ब्राम्हणों का  सरेआम  क़त्ल ये  बंगाल में आम बात है ! जिस तरह से चीन में दाढ़ी बढ़ाना , टोपी  लगाना  और  मस्जिद  बनाना प्रतिबंधित है,  उसी तरह वर्तमान बंगाल में भजन करना , तिलक  लगाना , जय श्री राम  का  नारा  लगाना वर्जित है !

मैं आज आपको बताता हूँ  ये लेडी जिपिंग कौन है जिसने भारतीय संस्कृति और सभ्यता को कफ़न में लपेट कर  बंगाल की भूमि में दफना दिया है और बंगाल को इस्लामिक देश बनाने के लिए सभी अरबी समुदाय को  आवाज दे कर पुकार रही है – तुम मुझे खून दो , मैं तुमें आज़ादी दूंगी l काश्मीर से आज़ादी , CAA से आज़ादी! लाशों के साथ ममता बनर्जी का पुराना नाता है ! आप बारीकी से पढेंगे तो दंग रह जायेंगे की कितनी घाघ नेता  रही हैं  ये !

जब ममता बनर्जी 17 साल की थी तभी ये  कांग्रेस महिला संस्था की बरिष्ठ कार्यकर्ता के तौर पर कांग्रेस से  जुड़ चुकी थी ! 1984 में ठीक इंदिरा गाँधी के मृत्यु होने पर , उसके समीप लोकसभा चुनाव  में पहली बार  कोंग्रेस से टिकट की मांग की , जानती थी इंदिरा  की  भावनाओं  में  देशवासी  शोकाकुल थे , और  इसलिए  निर्विवाद रूप जितना तय था ! हुआ भी वही , देश ने एकमुश्त वोट कांग्रेस को उपहार स्वरुप दे दिया ! लगभग  जो भी कांग्रेस से खड़े हुए थे ,वे सभी चुनाव जीत गए ! इतनी बड़ी जीत भारतीय लोकतंत्र ने कभी नहीं देखा था  ! ममता बनर्जी जादवपुर सिट से पहली बार संसद भवन में आयी !

1989 के लोकसभा में फिर से खड़ी हुई लेकिन जीत नहीं पायी , संयोग से  लोकसभा  भंग  हो जाने के कारण 1991 में फिर से चुनाव होना था लेकिन ममता  चुनाव लड़ने से मना कर चुकी थी ! लेकिन जैसे ही,  उसी वर्ष,  राजीव गान्धी की हत्या हुई, ममता चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गयी ! चुनाव जीतकर ममता ने राजीव गाँधी  की याद में एक किताब लिखा – माय अन्फोरगेटबल मेमोरी ! 1970 से 1997 तक ममता बनर्जी पूर्ण  रुपेंन कांगेस दल में रही जिसके अंतर्गत यूनियन मिनिस्टर बनी और विभिन्न विभाग में जैसे – मानव संसाधन  विकास  आदि की मंत्री बनी !

1997 में कांग्रेस को त्याग कर अपनी खुद की पार्टी AITC का  नीव रखा ! राजनितिक गाडी चल पड़ी ! 1999 में भाजपा के साथ NDA के अंतर्गत जुड़ गयी और रेलवे मिनिस्टर बन गयी, और  2001 में  हट भी  गयी  क्योंकि  बंगाल  में विधानसभा चुनाव था ,कांग्रेस ने ऑफर दी और दीदी उधर डोल गयी !आप देखते रहिये दीदी का खेल l 2004 में लोकसभा चुनाव होना था तो चुनाव से चार महिना पहले कांग्रेस से हटकर भाजपा से NDA के अंतर्गत फिर से जुड़ गयी ! लेकिन इसबार NDA चुनाव हार गयी जिसमे UPA ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया था ! विधान सभा के चुनाव 2006 में भी ममता को मूंह की खानी पड़ी जिससे वह तिलमिला उठी ! सिंगुर में टाटा ने नेनो कार का प्लांट लगाना था , बंगाल  में  2000 से  मार्क्सवादी  सरकार थी,  जिससे ममता काफ़ि चिढती  थी , इन्होने बंगाल में कार प्लांट के विरोध में आन्दोलन सुरु कर दिया ! जब टाटा तो जगह नहीं मिली तो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी  ने प्लांट के लिए गुजरात में जगह देने की बात कही और टाटा ने  प्लांट  गुजरात  में लगा दिया ! वामपथियों के विरुद्ध ममता ने ऐसी आग भड़काई की सम्पूर्ण  देश को लगने  लगा की  आगमी  चुनाव में माक्सवादी विचार धरा बंगाल से लापता हो जायेगा !

2009 के लोकसभा  चुनाव में फिर से वह कांग्रेस से जुड़ गयी , संयोग से इसबार भी UPA जीत गया,  जबकि  लहर शाइन इन इंडिया यानि भाजपा की थी ! कांग्रेस ने ममता को रेलवे मिनिस्टर बना दिया ! 2011 विधान  सभा  चुनाव में पहलीबार मार्क्सवादी पार्टी को हार देखनी पड़ी ! ममता बनर्जी ने इसी  चुनाव में वामपंथी  को  उखाड़ फेका था और बन गयी बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री !

अब इतने घटना क्रम में ममता आज तक उस घटना को नहीं भुला पाई है जब मोदी जी ने  टाटा प्लांट को सिगुर  के  बदले गुजरात आने का न्योता दे दिया था ! मोदी जी ने कोई भी गलती नही की , लेकिन ममता बनर्जी सिर्फ  और सिर्फ अपने जिद के लिए हिंदुस्तान से हिन्दुओं को मिटाने में लगी हैं क्यूंकि मोदी जी हिंदुत्व की बात करते  हैं !

हिंदुत्व और हिंदुस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन मार्क्सवादी है , और उसी मार्क्सवादी को ममता बनर्जी ने 2011 में बंगाल से हटा दिया था ! मोदी जी और भाजपा भाजपा भी मार्क्सवादी के विरुद्ध हैं  ! यदि आप और गहराई  में जायेंगे तो भारतीय सम्पूर्ण दल बनाम वामपंथी/मार्क्सवादी के बीच ही लडाई है क्योंकि भाजपा के पास NDA और कांग्रेस के पास UPA , लेकिन मोदी विरोध में अंधा होकर सभी दल वैचारिक रूप से मार्क्सवादी से  जुड़े हुए  हैं ! और तभी आज बंगाल , राजस्थान में हिन्दुओं पर ये सभी दल वाले मिलकर अत्याचार कर रहे हैं l इन्हें मोदी  से इस कदर नफरत है की ये अब इस देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने पर तुले हुए हैं !

यही वो ममता बनर्जी है जो मर्क्वादियों की नीव हिला दिया था और आज  प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में वामपंथी  विचारधार  के  जाल में उलझ कर देश का सर्वनाश कर रही है ! बंगाल जल रहा है , हिन्दू मर रहे हैं लेकिन इसको  बस  मोदीजी  को दिखाना है चाहे देश मिट जाय ! अब इसे खून पीने का चस्का लग गया है , अब  यह अपने  मरने काल तक खून पीती रहेगी ! चिल्लाती रहेगी – मुझे खून दो , मुझे खून दो , मुझे हिन्दुओं का खून दो  !!!

_दिशव

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