सियासत और सत्ता कितनी कुरूप और भयानक है इसका सही सही अंदाज़ा ऐसे ही समय पर होता है और फिर वो जो अपने पूरे खानदान को सिर्फ और सिर्फ इस देश पर राज करने वाला ही समझते और दुनिया को भी समझाते रहे हैं वो दुनिया में आज अपनी कुंठा और हताशा में इतने नीचे गिर चुके हैं कि खुद कई बार चीख चीख कर कह चुके हैं कि , यदि मैं अकेला भी किसी बात को दुनिया में समझता हूँ और ऐसा समझने वाला दुनिया में मैं इकलौता इंसान हूँ तो भी मैं ही ठीक हूँ।
अपने बोल बचन , अपने गणित इतिहास भूगोल और तो और शब्दों के अपने उच्चारण तमाम क्षेत्रों में अपने हास्य के कारनामे बिखेरने वाले कांग्रेस के चिर युवा वृद्ध युवराज ने आज फिर ठीक उस समय जब दुनिया के सभी ताकतवर और तकनीक विज्ञान में सम्पन्न देशों सहित पूरे यूरोपियन संघ के शीर्ष नेताओं ने अपने अपने शब्दों में भारत द्वारा कोरोना से लड़ने के जज़्बे को , खुद आपदा में रहते हुए भी पूरी दुनिया में मदद का हाथ बढ़ाने को लेकर उसे दुनिया में मानवता की रक्षा करने वाला देश बताया , मगर राहुल गाँधी एक ग्राफ के सहारे से भारत और दुनिया को बता रहे थे कि भारत इस कोरोना की लड़ाई में बुरी तरह से नाकाम रहा है।
हालाँकि इसका उत्तर देने वालों ने उन्हें वहीँ पर आईना दिखाते हुए दुनिया भर के नेताओं के ट्वीट दिखा दिए जिनमें कहा गया था कि भारत सरकार को कोरोना से निपटे , वैक्सीन लगाने की व्यवस्था आदि के लिए किसी भी ऐरे गैरे की नसीहत सुनने की कोई जरूरत नहीं है। किसी यूजर ने तो राहुल गाँधी को चुनौती देते हुए ये कह दिया कि जो ग्राफ उन्होंने साझा किया है उसका क ख ग भी राहुल नहीं बता सकते।
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