दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना काल में जिस तरह की कलंकित राजनीति की उसकी कलई अब खुल गई है। बड़ी खबर आई है कि  कोरोना के समय दिल्ली सरकार ने ज़रूरत से चार गुना अधिक ऑक्सीजन मांगी। ऑक्सीजन की इस आपूर्ति से देश के 12 राज्यों में ऑक्सीजन संकट की नौबत आ सकती थी। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व वाली कमेटी ने ये  रिपोर्ट सौंपी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी थी कमेटी।


इस कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि दिल्ली में बिस्तर क्षमता के हिसाब से (289 मीट्रिक टन) की आवश्यकता थी जबकि दिल्ली सरकार ने दावा किया कि उन्हें ऑक्सीजन खपत (1,140 एमटी) चाहिए थी जो क्षमता से चार गुना ज्यादा थी। इससे दूसरे प्रदेशों में ऑक्सीजन संकट आ सकता था।

गौरतलब है कि अप्रैल-मई के महीनों के दौरान कहा गया था कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी और कुछ सुविधाओं के अभाव में गंभीर कोविड-19 रोगियों की मौत हो गई थी , इसके बाद केजरीवाल और केंद्र के बीच बयानों का दौर तेज हो गया था।


दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की होड़ के बीच सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ और एमआर शाह ने 12 सदस्य टास्क फोर्स का गठन किया था और ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम पर ऑडिट रिपोर्ट मांगी थी।

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